घटते पक्षी चिंताजनक
पीलीबंगा। गांवों में झोपडियों ने पक्के मकान का रूप ले लिया। इससे पक्षियों के लिए नेस्ट पेलेस (घोंसले) खत्म हो रहे हैं। इस कारण उनकी संख्या भी घट रही है। डूंगर कॉलेज बीकानेर में समाजशास्त्र के व्याख्याता व पारिवारिक वानिकी से जुड़े श्यामसुंदर ज्याणी ने सोमवार को पत्रिका से यह बात कही। उन्होंने बताया कि पारिवारिक वानिकी कार्यक्रम के तहत अब तक चूरू, श्रीगंगानगर, बीकानेर व हनुमानगढ़ जिलों में पौधरोपण के लिए 2100 नर्सरी तैयार करवाई है। यहां पर्यावरण प्रेमियों को नि:शुल्क पौधे मिल सकेंगे। बैर व खेजड़ी के पेड़ भी समाप्त हो रहे हैं। इस हालत में पक्षियों को बचाने व पर्यावरण रक्षा के लिए बेर व खेजड़ी के पेड़ लगाए जाने चाहिए। कार्यक्रम में अब तक चारों जिलों में 2 हजार से अघिक गांवोे में चार लाख पौधे लगवाए गए हैं।
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