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'पंजाबी अध्यापक'

पीलीबंगा| अखिल भारतीय साहित्य परिषद, श्री जयलक्ष्मी साहित्य कला व नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मंच के कला भवन में पाक्षिक काव्य गोष्ठी रणवीर शर्मा की अध्यक्षता में हुई। इसमें सर्वप्रथम कवि बलङ्क्षवद्र भनौत ने 'खुशबू सी रच जाती हंै बेटियां' सुनाकर कन्या भू्रण हत्या जैसे ज्वलंत मुद्दे की तरफ श्रोताओं का ध्यान आकॢषत किया। अध्यापक प्रकाश बिश्नोई ने 'तूफानों में जब फंस गई कश्ती मेरी' पेश कर संदेश दिया कि भगवान किसी न किसी रूप में मदद करते हैं। लेखक विजय बवेजा ने कविता 'हम आजाद है महंगाई, भ्रष्टाचार, ङ्क्षहसा, घोटाले व राजनीतिक पतन हेतु' सुनाकर देश के वर्तमान माहौल को स्पष्ट किया। अध्यापक गुरसेवक ङ्क्षसह ने 'पंजाबी अध्यापक' कविता सुनाकर मानवता का संदेश दिया। ओमप्रकाश सैन ने अध्यात्मक कविता 'क्यों मानस जन्म दियो' पेश कर मानव जन्म की महत्ता को स्पष्ट किया। गोष्ठी में प्रवीण चौटाला, सोहनलाल, नवजोत व श्याम पारीक ने भी अपने विचार रखे। गोष्ठी का संचालन विजय बवेजा ने किया। 

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