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ध्यान और योग साधना से ही मिलती है शारीरिक ऊर्जा'

पीलीबंगा | साध्वी सुमनश्री के सान्निध्य में सोमवार को जैन भवन में ध्यान दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत महावीर स्तुति से हुई। साध्वी सुमनश्री ने भगवान महावीर के भवों का माॢमक विवेचन करते हुए कहा कि प्रेक्षाध्यान से ऊर्जा जागृत होती है। ध्यान और योग साधना से शारीरिक ऊर्जा पैदा हो जाती है। साध्वी मधुर लता ने 'प्रेक्षाध्यान शांति का मार्ग जीने का विज्ञान' मधुर संगीत से ध्यान के रहस्यों को खोला। साध्वी सुरेखा ने कहा कि ध्यान के प्रयोगों से आदतों में सुधार, स्वभाव में परिवर्तन एवं सहिष्णुता के भाव पुष्ट हो जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि नर से नारायण बनने की प्रक्रिया भी प्रेक्षाध्यान ही है। साध्वी अपूर्व यशा एवं कुमारी प्रियंका जैन ने भी ध्यान की महत्ता बताई। इसके अलावा अणुव्रत दिवस का कार्यक्रम घर-घर अणुव्रत के दीप जले साध्वी मधुरलता के मंगल संगान से हुआ। साध्वी सुरेखा ने आज के युग अणुव्रतों की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। रात्रिकालीन अंताक्षरी प्रतियोगिता का आयोजन 7 ग्रुपों में किया गया। तेेरापंथ महिला मंडल द्वारा प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। अणुव्रत दिवस पर ज्येष्ठा दुग्गड़ व विमला बांठिया ने भी विचार रखे।

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