Header Ads

test

अब बैंक खातों में जमा होगी गैस सिलेंडरों की सब्सिडी!

केरोसिन की तर्ज पर केंद्र सरकार अब गैस सिलेंडरों की सब्सिडी सीधे गैस उपभोक्ताओं के बैंक खाते में जमा कराएगी। गैस सिलेंडरों की सब्सिडी का दुरुपयोग रोकने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना तैयार की है। पेट्रोलियम व गैस मंत्रालय ने इसकी कवायद भी शुरू कर दी है। इसके तहत गैस कंपनियां अपनी एजेंसियों के माध्यम से उपभोक्ताओं के बैंक खातों व पतों की जानकारियां जुटा रही हैं। एजेंसियों को इस काम के लिए 90 दिन का समय दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार ने योजना बनाई है कि उपभोक्ताओं को गैस सिलेंडरों की सब्सिडी नकदी के रूप में उसके बैंक खाते में जमा कराई जाए लेकिन यह सब्सिडी एक परिवार में एक ही व्यक्ति को दी जाएगी। इसके लिए तीनों गैस कंपनियों हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम व इंडियन ऑयल ने 'नो योर कस्टमर' (ग्राहक को जानिए) अभियान चलाने का निर्णय लिया है। इसमें एक प्रफोर्मा तय किया गया है। यह प्रफोर्मा जिलेभर के एक लाख से भी ज्यादा उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है। इसमें उपभोक्ता से उसकी व्यक्तिगत जानकारी सहित उसकी स्वयं व पते की आईडी तथा बैंक खातों की डिटेल जुटाई जा रही है। हर उपभोक्ता से सब्सिडी लेने के लिए सहमति भी ली जाएगी। गैस कंपनियों ने हिदायत दी है कि यह जानकारी हर उपभोक्ता को देनी जरूरी होगी। इसके अभाव में पहले उपभोक्ता की गैस सप्लाई रोकी जाएगी, फिर उसका कनेक्शन निरस्त कर दिया जाएगा। 
 
अब एक पते पर एक ही कनेक्शन 

गैस कंपनियों ने अब 'एक पते पर एक ही गैस कनेक्शन' देने के निर्णय को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके लिए ऐसे तमाम कनेक्शन निरस्त किए जाएंगे, जो एक व्यक्ति ने अलग-अलग कंपनियों से लिए हैं और एक ही पते पर अलग-अलग व्यक्तियों ने लिए हैं। गैस एजेंसियों के संचालकों ने बताया कि 90 दिन बाद सर्वे पूरा होने पर ऐसे उपभोक्ताओं की अलग-अलग सूची बनाकर कनेक्शनों को निरस्त कर दिया जाएगा। सर्वे के बाद जिले में ही हजारों उपभोक्ताओं के कनेक्शन निरस्त होने की संभावना जताई जा रही है। 

उपभोक्ताओं की ये जानकारियां जुटा रही हैं एजेंसियां : नाम (पहला, मध्यम व अंतिम), ग्राहक संख्या, जन्मतिथि, माता-पिता का नाम, पति/पत्नी का नाम, फोटो, एड्रेस प्रूफ के अनुसार मकान का पता, टेलीफोन, मोबाइल नंबर व ई-मेल एड्रेस, घर के पते व स्वयं का अलग-अलग प्रूफ, बैंक नाम, ब्रांच व उसका पता, एकाउंट नंबर व आईएफएससी कोड। उपभोक्ता के पास यदि पेन नंबर, पासपोर्ट नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड, आधार, वोटर आईडी है तो उनके नंबर भी अंकित करने होंगे। 
 
यह होगा असर 

अभी सरकार गैस सिलेंडरों पर दी जाने वाली सब्सिडी गैस कंपनी को देती है, फिर यह सब्सिडी सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में जाएगी। मतलब, उपभोक्ता को सिलेंडर की पूरी कीमत देनी होगी। अभी एक सिलेंडर की लागत करीब 630 रुपए हैं, जबकि उपभोक्ता को यह 385 रुपए में दिया जाता है। करीब 250 रुपए सब्सिडी सरकार गैस कंपनी को अदा करती है। सरकार सालाना 40 हजार करोड़ से ज्यादा की सब्सिडी कंपनियों को देती है। 

ये करें उपभोक्ता 

किराएदार-बाहर से आकर रह रहे लोगों को किरायानामा तथा मकान मालिक के बिजली अथवा पानी के तीन माह के बिलों की प्रति देनी होगी। 
आम उपभोक्ता-प्रफोर्मा के साथ एक ही परिवार के लोग एक पते के बजाय अलग-अलग पते की आईडी लगाएं। इससे कनेक्शन कटने का डर नहीं रहेगा। 

No comments