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सोनोग्राफी से प्रसव तक की होगी ट्रैकिंग

हर गर्भवती महिला का सोनोग्राफी से प्रसव तक का रिकॉर्ड रखेगी सरकार 
आमिर खान के शो 'सत्यमेव जयते' में प्रदेश का कड़वा सच जानने के बाद जागी राजस्थान सरकार ने बेटियों को बचाने के लिए बड़ी योजना तैयार की है। इसके तहत कलेक्टरों पर सोनोग्राफी सेंटरों के निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है, साथ ही निरीक्षण से चार्जशीट पेश होने तक का समय भी तय किया गया है। सबसे बड़ी बात, सोनोग्राफी कराने वाली महिला की उसके प्रसव होने तक घर जाकर लगातार जांच कराई जाएगी। मुख्य सचिव सीके मैथ्यू ने प्रदेश में गिरते बाल लिंगानुपात को नियंत्रित करने के लिए यह 15 सूत्री योजना तैयार करके सारे कलेक्टरों को भेजी है। इसके तहत सोनोग्राफी सेंटर पर अब जो भी गर्भवती महिला जांच कराने आएगी स्वास्थ्य विभाग उसकी प्रसव तक ट्रैकिंग करेगा और यह जानेगा कि प्रसव के बाद उसे क्या संतान हुई। कहीं उसने भ्रूण हत्या तो नहीं कराई। यदि ऐसा होगा तो महिला व उसके परिवार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य सचिव ने सक्षम अधिकारियों को जून 2012 तक जिलेभर के सोनोग्राफी सेंटरों की जांच की हिदायत दी है। अधिकारियों को हर माह दस फीसदी सेंटरों की जांच करनी अनिवार्य होगी। 

सरकार ने हर जिले की बनने वाली मासिक रिपोर्ट में सोनोग्राफी सेंटरों की जांच का नया कॉलम जोड़ा है, यानी हर माह कलेक्टर की ओर से जिले में योजनाओं की प्रगति पर भेजी जाने वाली रिपोर्ट में सरकार को बताना होगा कि बीते माह कितने सेंटरों का निरीक्षण हुआ और कितने सेंटरों पर क्या कार्रवाई की गई। इन सेंटरों की जांच व कार्रवाई को लेकर कलेक्टर हर दो माह में एक बार स्वास्थ्य विभाग, प्रशासनिक अधिकारियों व एनजीओ की बैठक भी लेंगे। इन बैठकों में ऐसी तहसीलों पर सबसे ज्यादा फोकस रहेगा, जहां बेटियों की संख्या सबसे कम है। सोनोग्राफी सेंटरों की जांच में यदि कहीं भी डॉक्टर दोषी पाया गया तो उसका रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए मेडिकल कौंसिल को लिखा जाएगा। 

दोषियों की जांच अब दो माह में स्वास्थ्य विभाग को लक्ष्य दिया गया है कि पीसी-पीएनडीटी एक्ट में दर्ज मामलों की जांच दो माह में पूरी करके आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट पेश करनी होगी। जांच पेंडिंग रखने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। सरकार ने कलेक्टरों से कहा है कि राजस्थान में इस जनगणना में बेटियों की संख्या में काफी गिरावट आई है। अब भी सख्ती नहीं हुई तो हालात और भयावह हो सकते हैं। 

इन बिंदुओं पर भी होगा काम 

-शिशु के जन्म से एक साल तक के लिए स्वास्थ्य विभाग उसकी जांच करेगा। 

-सोनोग्राफी सेंटरों व एमटीपी सेंटरों की लगातार जांच 

-बेटियां बचाने के लिए प्रचार-प्रसार व अन्य माध्यमों से एक माहौल तैयार किया जाएगा। 

-भू्रण हत्या रोकने के लिए शुरू की गई मुखबिर योजना का ज्यादा प्रचार करना होगा। 

-पीसी-पीएनडीटी कानून की पालना के लिए बनी समिति में अच्छा काम कर रही सामाजिक कार्यकर्ताओं व एनजीओ का चयन किया जाएगा। 

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