'ब्रह्म प्राप्ति किए बिना जीवन का संवरना असंभव' - संत जरनैल सिंह
पीलीबंगा | ब्रह्म प्राप्ति किए बिना जीवन का संवरना असंभव है। ये विचार संत जरनैल सिंह ने रविवार को निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित संत समागम में उपस्थित श्रद्धालुओं से कहे। उन्होंने कहा कि इंसानियत ही वास्तविक धर्म है। यदि इंसानों में एक-दूसरे के प्रति प्यार, करूणा व दया की भाव है तो वहीं असली धर्म है। इंसान प्रभु का बोध तो हासिल कर लेता है, लेकिन जीवन तब भी सफल नहीं होता। सही मायनों में प्रभु का बोध हासिल कर समाज में उसकी शक्ति का प्रचार करना है। लोक व परलोक संवारने के लिए जरूरी है कि अपना शरीर त्यागने से पूर्व ही परमपिता परमात्मा की अनुभूति कर ली जाए। गुरप्रताप सिंह, गीता सोनी, साधुराम निरंकारी, सोनिया, हरजीत कौर, किरण राय, आरजू सलूजा व रक्षक आहूजा ने भी विचार रखे।
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