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थर्मल की पांचों इकाइयों में ठप हो सकता है बिजली उत्पादन


सूरतगढ़ : अगर समय रहते सूरतगढ़ तापीय विद्युत परियोजना में कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हुई तो पांचों इकाइयों में बिजली उत्पादन ठप हो सकता है। परियोजना में अब उपयोग के लिए महज दो दिन का कोयला बचा है। 
जानकारी के अनुसार थर्मल परियोजना के लिए छत्तीसगढ़ की खदानों से रेलमार्ग के जरिए कोयला पहुंचता है। अमुमन कोयले के छह से सात रैक रोजाना आते हैं, लेकिन पिछले कई दिनों से चार रैक आ रहे हैं, जबकि इतनी या इससे अधिक की खपत हो रही है। ऐसे में कोयले के स्टॉक में कमी हो रही है। अगर कोयले की सप्लाई में जल्द सुधार नहीं हुआ तो पूरे प्रदेश में बिजली संकट पैदा हो सकता है। 
एक रैक की 58 बोगियों में औसतन 3600 से 3800 मैट्रिक टन कोयला आता है। चार रैक में औसतन 15000 से 16000 मैट्रिक टन कोयला इन दिनों रोजाना आ रहा है। पांचों इकाइयों में प्रतिदिन 18000 से 19000 मैट्रिक टन की खपत हो रही है, जबकि स्टॉक में 38 हजार 933 मैट्रिक टन कोयला बचा है। आवक की तुलना में खपत अधिक होने से स्टॉक कम होता जा रहा है। नियमों के मुताबिक थर्मल में एक सप्ताह का स्टॉक होना चाहिए 
लोडिंग नहीं होने से आई दिक्कत 

"छत्तीसगढ की खदानों में लोडिंग नहीं हो पाने से कोयले के रैक कम आ रहे हैं। दो दिन का कोयला शेष है। लोडिंग होने लग गई है रैक भी बढऩे लग जाएंगे। "
एचबी अग्रवाल, एसई सूरतगढ़ थर्मल परियोजना 

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