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मांग की अनदेखी

गत वर्ष रबी के दौरान यूरिया के लिए जबरदस्त हाहाकार मचा था। इससे सबक लेते हुए कृषि विभाग ने इस वर्ष अगस्त में कृषि निदेशालय को आदान व्यवस्था के लिए यूरिया व अन्य उर्वरकों की अनुमानत: मांग व आपूर्ति के समय की रिपोर्ट बनाकर भेज दी थी। साथ ही निदेशालय को दिसम्बर माह में प्रत्येक सप्ताह यूरिया के तीन-तीन रैक की आपूर्ति के लिए भी लिखा गया लेकिन हाल यह है कि अक्टूबर से जनवरी तक कृषि विभाग ने निदेशालय को जिले में 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया मांगा। इसके एवज में अब तक केवल 23869 मीट्रिक टन यूरिया की आपूर्ति ही हुई है। जबकि इस बार रबी में चने की रिकॉर्ड बुवाई हुई है। सरसों का बुवाई क्षेत्र भी गत वर्ष की अपेक्षा बढ़ा है।


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