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सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का हाल-बेहाल

पीलीबंगा। मरीज आया, मरहम पट्टी की और फिर उसे रैफर कर दिया...। यहां राजकीय चिकित्सालय में इन दिनों दुर्घटना से संबंघित मरीजों के साथ कुछ ऎसा ही हो रहा है। मरीजों के परिजन उपचार के लिए चिकित्सक से काफी मिन्नते कर थक हार जाते हैं मगर उन पर कोई असर नहीं होता।  यहां अस्पताल में पिछले काफी समय से सर्जन चिकित्सक का पद रिक्त है। अस्पताल प्रशासन ने इस पर नियुक्ति के लिए कई बार विभाग के अघिकारियों को अवगत कराया जा चुका है मगर अभी तक किसी की नियुक्ति नहीं हुई।

सर्जन चिकित्सक के अभाव में अस्पताल के अन्य चिकित्सक कोई रिस्क लेना नहीं चाहते  और दुर्घटना से संबंघित मामूली चोटिल व गंभीर मरीज को प्राथमिक उपचार के बाद रैफर कर देते हैं।

अस्पताल में चिकित्सकों के न होने से वार्ड सूने पड़े रहते हैं। वार्ड में सफाई नहीं होने से कूड़ा-कर्कट फैला रहता है। 
बेड की चद्दरों की भी सफाई नहीं की जाती। कई बेड की चद्दरें तो कट फट गई है। मरीजों को ऎसे में उपचार कराना पड़ता है। अस्पताल परिसर का हाल-बेहाल है। यहां मुख्यमंत्री दवा योजना का मरीजों को पूरा लाभ नहीं मिल रहा। मरीजों का आरोप है कि चिकित्सक बाहर से दवाइयां लाने की पर्ची लिख देते हैं।

बीपीएल परिवारों को भी पूरा लाभ नहीं मिल रहा। अस्पताल में चिकित्सकों के तीन पद रिक्त है। ब्लॉक के अंतर्गत आने के चलते यहां लेखाकार, क्लर्क, कम्प्यूटर ऑपरेटर व सफाई कर्मचारी का भी एक-एक पद रिक्त है। नाक, कान व गले से संबंघित रोग का उपचार अन्यत्र जाकर करवाना पड़ता है।

भटकते हैं मरीज
भाजपा के नगर महामंत्री केसी चौधरी कहते हैं कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता है। चिकित्सकों के नहीं होने से रोगियों को  उधर भटकना पड़ता है।

होती है परेशानी
राजकीय चिकित्सालय के कार्यवाहक प्रभारी डॉ. संदीप तनेजा का कहना है कि अस्पताल में चिकित्सकों के पद रिक्त होने से काम में परेशानी आ रही है। मुख्यमंत्री दवा योजना को रोगियों को पूरा लाभ दिया जा रहा है।

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