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'बावली बूच-२' का विमोचन

पीलीबंगा | राजस्थानी भाषा के हास्य कवि डॉ. दौलतराम डोटासरा की नई कृति 'बावली बूच -२' का विमोचन वरिष्ठ साहित्यकार निशांत की अध्यक्षता में हुआ। रविवार को कला भवन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद, श्री जय लक्ष्मी साहित्य कला व नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित समारोह में साहित्यकार डोटासरा ने कविता 'बो है बावली बूच जिकौ करे काम लुगाई ने पूछ-पूछ' सुनाकर श्रोताओं को लोट-पोट कर दिया। गणेश जैन ने पुस्तक की क्षणिका 'बे कवि गंभीर, कविता सुणावे पीर' पढ़कर सुनाई। लेखक विजय बवेजा ने कृति की रचना 'जकौ करै मजूरी, बो क्यूं करै जी हजूरी' को अपने अंदाज में प्रस्तुत किया। कवि निशांत ने 'जद म्हैं टाबर हुंता' कविता पढ़ते हुए इसे रचना की सर्वश्रेष्ठ कृति बताया। नवदीप भनौत ने पुस्तक की रचना 'मोडा करै अफंड, खार तकियौ रो कंड' सुनाकर खूब दाद पाईं। इस दौरान मनोज कामरा, अनुराग अरोड़ा व अर्जुनसिंह शेखावत ने भी विचार रखे। मंच संचालन विजय बवेजा ने किया।

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