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अभियान के बाद भी नहीं पकड़े जा रहे आवारा पशु

इस समस्या की गंभीरता को देखते हुए पीलीबंगा सहकारी उपभोक्ता भंडार के पूर्व अध्यक्ष मानकचंद बोथरा ने कलेक्टर को पत्र भेजा है। उन्होंने इन आवारा पशुओं की धरपकड़ कर इन्हें अन्यत्र भिजवाने की मांग करते हुए कलेक्टर को एक पत्र प्रेषित किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि आवारा पशुओं को पकडऩे का अभियान चलाया जा रहा है लेकिन फिर भी पालिका उनको काबू नहीं कर रहा। वहीं गोशाला भी इन पशुओं को रखने में असमर्थता जता रहा है। उन्होंने शीघ्र ही इस समस्या से निजात दिलवाने की मांग की है। 

गोशाला बेसहारा पशुओं को लेने में जता रही है असमर्थता, दुकानदारों ने नगरपालिका को पत्र लिखकर की धरपकड़ करने की मांग की है।

भास्कर न्यूज -

राज्य सरकार द्वारा जहां एक और आवारा पशुओं की समस्या से प्रदेश की जनता को निजात दिलाने के लिए आवारा पशुओं की धरपकड़ हेतु स्वायत्तशासी संस्थाओं के माध्यम से विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं वहीं नगरपालिका द्वारा चाहते हुए भी इन आवारा पशुओं की धरपकड़ कर पाना मुश्किल साबित हो रहा है। नगरपालिका प्रशासन के अनुसार वे अब तक सैकडों की तादाद में नि:सहाय गौ वंश को पकड़कर कस्बे की गौशालाओं के हवाले कर चुके हैं परंतु अब गौशालाओं ने भी अब इन असहाय गौ वंश को आश्रय देना बंद कर दिया हैं। जिसके चलते नगरपालिका प्रशासन भी इन आवारा पशुओं को पकडऩे में लाचार नजर आ रहा है। बुधवार को तहबाजारी रोड़, खरलियां रोड़, सब्जी मंडी, कृषक विश्राम गृह रोड़ तथा रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर से आवारा पशुओं की धरपकड़ करने की मांग करते हुए दुकानदारों ने पूर्व पार्षद ओमप्रकाश सैन के नेतृत्व में नगरपालिका के अधिशाषी अधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा परंतु नगरपालिका प्रशासन ने इन पशुओं की धरपकड़ कर इनको आश्रय देने के स्थान के अभाव का कारण देते हुए आवारा पशुओं की धरपकड़ न कर सकने का दुकानदारों को लिखित में देकर पल्ला झाड़ लिया जबकि पालिका की इस कार्रवाई से रोषित दुकानदारों का कहना है कि इन पशुओं को आश्रय देने का जिम्मा नगरपालिका का हैं और स्थानाभाव की मजबूरी बताकर पालिका प्रशासन राज्य सरकार के निर्देशों की अवहेलना कर रहा है। 

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