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वारदाने के गंभीर संकट से गुजर रहे हैं किसान

पीलीबंगा। कस्बे में काफी समय से किसान वारदाने के कृत्रिम संकट के चलते बाजार में हुई अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं वहीं दूसरी ओर कई गरीब कृषक अपनी उपज को कम दामों में ;सरकारी रेट सेद्ध व्यापारियों को मजबूरीवश बेचकर घाटा उठा रहे हैं।
जिला कलेक्टर से मिला प्रतिनिधिमंडल
भारतीय किसान संघ का एक प्रतिनिधिमंडल गत दिनों इस संबंध में जिला कलेक्टर से मिला व किसानों की इस गंभीर समस्या से उन्हें अवगत करवाया। किसान संघ के प्रतिनिधियों का कहना था कि मंडी में कृत्रिम रूप से वारदाने का संकट खड़ा कर दिया गया है। कुछ चंद व्यापारियों को थोक में एफसीआई द्वारा वारदाना उपलब्ध करवा दिया गया है जबकि किसान कई-कई दिनों तक अपनी फसल की बोली ना लगने के चलते अपनी फसल को सरकारी समर्थ मूल्य ११७० रूपये से कम में बेचने पर मजबूर है। कई-कई किसान मजबूरीवश अपनी फसल को बाजार से वापिस ले जा रहे हैं। महीनों तक बाजार में पड ी फसल नये मंडी यार्ड में पर्याप्त व्यवस्था ना होने के चलते खराब हो रही है। इस कारण कई मजबूर किसान सरकारी समर्थन मूल्य से कम एक हजार रूपये ७० तक में अपनी खून पसीने की फसल को बेचने पर मजबूर है।
जिला कलेक्टर महोदय ने भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों के सामने ही दूरभाष से एफसीआई के मूल्य प्रबंधक से बात कर उन्हें स्थिति सुधारने का निर्देश दिया। लेकिन समाचार लिखे जाने तक स्थिति जस की तस बनी हुई है। जानकार सूत्रों के अनुसार सरकारी समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद बंद होने के कगार पर है जिससे कि किसानों के चेहरों पर परेशानी की रेखाएं गहरी होती नजर आ रही है।
एफसीआई के गुणवता निरीक्षक द्वारा जमकर धांधलेबाज की जा रही है। खाली गेहूं के कट्‌टे देने की एवज में अच्छी खासी रकम वसूली की जा रही है। महीनों तक बाजार में पड ी फसल बर्बाद हो रही है लेकिन एफसीआई के उच्चाधिकारियों को कई बार इससे अवगत करवाने के बाद भी मामला जस का तस है जो कि बड ा ही दुर्भाग्यपूर्ण है - सुखविन्द्रसिंह रमाणा, प्रतिनिधि भारतीय किसान संघ
 
Source: KRISH SANDESH

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