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आचार्य भिक्षु का जन्मोत्सव मनाया !

पीलीबंगा। आचार्य भिक्षु ने सत्य का अमृतपान करने के लिए पद प्रतिष्ठा व सुख-सुविधाओं को त्यागकर संघर्ष की चट्टानों व घाटियों को पार किया। उन्होंने सत्य को पाकर ही विश्राम किया। साध्वी सोमलता ने बुधवार को यहां आचार्य भिक्षु के जन्मोत्सव पर यह बात कही। उन्होने कहा कि आचार्य भिक्षु का जन्म 19वीं शताब्दी में अध्यात्म सूर्य की प्रथम रश्मि के रूप में हुआ। जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा मंत्री प्रेम नाहटा ने आचार्य भिक्षु के संभागिता के सिद्धान्त को वर्तमान शासन पद्धति में लागू करने का कहा। विनोद छाजेड व भारती डागा ने मंगल गीत तथा साध्वी सरस प्रभा, शंकुतला व संचितयशा ने सरस गीत प्रस्तुत किए।

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