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गप्त रूप से दी गई परस्कार राशि


पीलीबंगा। ;हरजीत सिंह मियानेद्घ कस्बे के अमरपरा राठान निवासी साहसी चन्दसिंह को महाप्रबंधक उ.प.रे. द्वारा स्वीकृत परस्कार राशि ५,००० रूपये गत ४ जलाई को कार्यालय मंडल रेल प्रबंधक उ.प.रे. द्वारा बीकानेर में प्रदान की गई। 
गाड़ी रोककर बचाई हजारों लोगों की जिंदगी 
दिनांक ३१ दिसम्बर २०१० की सर्द रात्रि को अमरपरा राठान निवासी चन्दसिंह हमेशा की तरह रात्रि को अपने खेत से घर आ रहे थे रेलवे ट्रेक के साथ-साथ आते हुए अचानक ही उनकी बैटरी की रोशनी रेलवे की टूटी हुई लाईन पर पड ी जहां पर कि काफी बड ा श्च्ेक्चर आया हुआ था इसको देखकर एक बारतो चन्दसिंह भय से सिहर उठे लेकिन उन्होंने तत्काल ही मौके की नजाकत को भांपते हुए तरंत ही पीलीबंगा रेलवे स्टेशन की ओर दौड ना शरू किया क्योंकि लगभग इसी समय एक्सप्रेस गाड ी पीलीबंगा स्टेशन से रवाना हो चकी थी। भागते-भागते चन्दसिंह ने पीलीबंगा रेलवे स्टेशन, पलिस थाना आदि को भी इस घटना से सचेत किया। 
भागते हुए चन्दसिंह को बैटरी व लाल झंडी आदि लेकर सामने आते हुए देखकर रेलवे ड्राईवर ने तरंत ही गाड ी रोक दी व मौके पर पहुंचकर टूटी हुई रेलवे ट्रेक देखी तो उसके भी हाथ-पांव फूल गये, तरंत ही उच्चाधिकारियों को घटना से अवगत करवाया गया व मौके पर इसकी मरम्मत कर गाड ी को आगे रवाना किया गया। 
कोई तवज्जो नहीं दी पीलीबंगा रेलवे स्टेशन ने इस इतनी बड़ी दर्घटना से अवगत करवाने वाले चन्दसिंह को स्थानीय रेलवे स्टेशन स्टाफ ने कोई तवज्जो नहीं दी व कहा कि रेलवे को तो इसका पूर्व में ही पता था व हमारा एक अधिकारी गाड ी में मौजूद था इसलिए ट्रेन को रोका गया था दूसरे दिन मीडिया में इस घटना के समाचार आने के बाद लोगों ने इसकी कतरने जब उळपर उच्चाधिकारियों को भेजी तो रेलवे महाप्रबंधक ने चन्दसिंह को ५००० रूपये का परस्कार देकर सम्मानित करने की घोषणा की। जबकि स्थानीय रेलवे प्रशासन समाचार पत्रों में इससे संबंधित समाचार अपने से पूर्व इस घटना की स्वयं ह वाहवाही लूट रहा था। 
गप्त रूप से दी गई परस्कार राशि 
चन्दसिंह को कार्यालय मंडल रेल प्रबंधक उ.प.रेलवे बीकानेर के पत्र क्रमांक २५-टी/सरक्षा/ बीकानेर/अवार्ड/ रिवार्ड/ २६-ए/ ११- दिनांक २८ जून २०११ का प्राप्त हुआ। पत्र में चन्दसिंह को ४ जलाई २०११ को बीकानेर कार्यालय में बलाकर अपना परस्कार ले जाने को कहा गया। चन्दसिंह पीलीबंगा से अपने कछ साथियों व प्रेस फोटोग्राफर व अन्य मीडिया कर्मियों के साथ बीकानेर पहुंचे। बीकानेर मंडल कार्यालय में चन्दसिंह को कमरा बंद करके परस्कार राशि प्रदान कर दो गवाहों के साईन भी करवा लिये परस्कार देते समय इसकी कोई फोटो वगैरहा भी नहीं लेने दी गई और ना ही गये हुए लोगों का कोई मान-सम्मान किया गया।

सवाल मांगते जवाब 
परस्कार हमेशा खले में आम लोगों के बीच में ही दिया जाता है ना कि किसी बन्द कमरे में इसके अलावा इसकी फोटो भी ली जा सकती है और लेते भी है लेकिन रेलवे अधिकारियों ने चन्दसिंह के साथ में गये हुए प्रेस फोटोग्राफर तक को फोटो नहीं खेंचने दीजो कि इनकी बदनियती को उजागर करता है। इसके अलावा आज तक अेसा सना व देखा नहीं गया कि किसी परस्कार प्राप्त व्यक्ति को दो गवाहों के कागज पर साईन करवाकर राशि प्रदान की गई हो। सार्वजनिक रूप से प्राप्त परस्कार ही इस बात की गारंटी देता है कि अमक ने इसको प्राप्त किया है ना कि कागजों पर गवाहों के साईन आदि करवाकर। इस तरह से बंद कमरे में परस्कार राशि प्रदान करना कई संदेह पैदा करता है कि आखिर अेसा कौनसा कारण था कि गपचप तरीके से इतनी बड़ी संभावित दर्घटना को टालने वाले व्यक्ति को बड े गोपनीय तरीके से कागजों पर साईन करवाकर परस्कार राशि प्रदान कर दी गई। व्यक्ति मान-सम्मान का हकदार होता है ना कि थोड ी तच्छ धनराशि का देखा जाये तो रेलवे प्रशासन ने चन्दसिंह को बलाकर परस्कार ना देकर एक प्रकार से अपमानित किया है।

source:  krish sandesh

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