Header Ads

test

आवेदन पत्र पर राजस्व टिकट की अनिवार्यता समाप्त

राज्य सरकार ने आमजन को राहत देने के लिए मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, जन्म प्रमाण पत्र, विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र आदि में शपथ पत्रों में स्टाम्प पेपरों की अनिवार्यता समाप्त कर दी हो और शपथ पत्र सादे कागज पर स्वीकार्य किए जा रहे है।


एक-दो रूपए की राजस्व टिकट लगाने की अनिवार्यता के चलते लोगों को प्रार्थना पत्र टाईप अथवा कम्प्यूटरीकृत करवाना पड़ता है, इस चक्कर लोगों के सामान्य प्रार्थना पत्र पर पन्द्रह से बीस रूपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
समय भी होता है व्यर्थ -
सरकारी कार्यालयों में प्रतिदिन सैकड़ों प्रार्थना पत्रों पर राजस्व टिकट लगवाई जा रही है। इससे पैसा व समय दोनों खर्च होते हैं।

सामान्य कागजपर प्रार्थना पत्र स्वीकार्य
- विद्युत निगम में प्रार्थना पत्र अथवा आवेदन पत्र पर राजस्व टिकट की अनिवार्यता नहीं है। प्रार्थना पत्र का टाईप अथवा कम्प्यूटरीकृत होना भी जरूरी नहीं है। लोग अपनी समस्या को सादे कागज पर हस्तलिखित दे सकते हैं।
-पीएस शेखावत, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम, हनुमानगढ़।

- जिला परिषद में आवेदन पत्र सामान्य कागज पर दिया जा सकता है। राजस्व टिकट लगाया जाना जरूरी नहीं है। -सीएल मीणा,
मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, हनुमानगढ़।

- सामान्य प्रार्थना पत्र पर राजस्व टिकट की अनिवार्यता नहीं है। न्यायालय से संबंधित दस्तावेज की नकल प्राप्त करने के लिए राजस्व टिकट का प्रावधान है। -अशोक खत्री, तहसीलदार, हनुमानगढ़।

Source: Patrika

No comments