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तकनीकी रूप से सही नहीं ट्रेक

हनुमानगढ़ । उत्तर-पश्चिम रेलवे जोन (एनडब्ल्यूआर) ने क्षेत्र के लिए लाइफ लाइन का कार्य करने वाले श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़-सूरतपुरा मीटरगेज रेलखण्ड के बहुप्रतीक्षित आमान परिवर्तन के कार्य को शुरू कर दिया है। इससे क्षेत्र को खासा वाणिज्यिक लाभ मिलेगा।
आमान परिवर्तन के बाद कई महत्वपूर्ण लम्बी दूरी की एक्सपे्रस रेलगाडिया
ं शुरू होंगी लेकिन जिला मुख्यालय की महत्वपूर्ण समस्या की आमान परिवर्तन के कार्य में अनदेखी की गई है।

शहर के लिए "सिरदर्द" बने हनुमानगढ़-जोड़कियांरेलवे स्टेशन के मध्य के नौ किलोमीटर के पटरी का घुमाव समाप्त करने के लिए रेलवे गंभीर नहीं है। जबकि इससे रेलवे को आर्थिक नुकसान, समय का अपव्यय तो होगा ही, हजारों लोगों को परेशानी का सामना भी करना पड़ेगा।

हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर मीटरगेज रेल लाइन शहर का पूरा चक्कर लगाते हुए घनी आबादी से गुजरती है। यह घुमाव इतना ज्यादा है कि रेलगाड़ी अपनी पूरी गति से नहीं दौड़ पाती। हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन से मीटरगेज पटरी लगभग दो किलोमीटर तक ब्रॉडगेज लाइन के साथ सट कर बिछी हुई है और इसके बाद घुमाव शुरू हो जाता है, जो लगातार सात किलोमीटर तक जोड़कियां रेलवे स्टेशन तक जारी रहता है।
रेलवे की इंजीनियरिंग शाखा के जानकारों के अनुसार ब्रॉडगेज लाइन में यह घुमाव तकनीकी रूप से उपयुक्त नहीं है। ऎसे खतरनाक घुमाव में 50-55 वैगन की मालगाडियां चलाना सुरक्षित नहीं है।

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