नए बस स्टैंड पर खुल्ले रुपयों व चिल्लर की कमी
यश गुप्ता & पीलीबंगा
नए बस स्टैंड पर खुल्ले रुपयों व चिल्लर की कमी के चलते सवारियों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। इससे यात्री परेशान है। राजस्थान पथ परिवहन निगम की ओर से टिकट वितरण विंडो पर संचालकों द्वारा सवारियों को टोजो व टॉफी आदि पकड़ा दिए जाते हैं। सवारियों के पास खुले पैसे न होने पर इसका फायदा निगम वाले उठा लेते है। लेकिन इस पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
ठगा सा महसूस करते हैं यात्री
संचालकों द्वारा टिकट के साथ टॉफी व टोजो आदि देने पर निगम को इसका फायदा मिलता है। वहीं कमीशन क
े साथ-साथ दुकानदारों का भी आर्थिक लाभ हो रहा है। पंद्रह रुपए की टॉफी के पैकिट से वे इसका चिल्लर के रूप में उपयोग कर चालीस से पचास रुपए तक कमा रहे है। वहीं टोजो के पैकिट से वे 80 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से फायदा उठाते है। सवारियों को एक-दो रुपए न देकर बदले में पच्चीस पैसे की टॉफियां देते हैं तो यात्री खुद को ठगा सा महसूस करते हैं।
टॉफिया देकर फेर लेते हैं मुंह
ञ्चमहंगाई से आज हर आदमी परेशान है। लेकिन कभी भी ये टिकट बेचने वाले लोग एक-दो रुपए तो देते ही नहीं।बल्कि दो-चार टॉफिया देकर मुंह फेर लेते है।ज्ज्
विद्यादेवी धानक, यात्री
ञ्चटॉफी-टोजो के न लेने पर संचालक चिल्लर की कमी बताते हंै। कभी-कभी तो लड़ाई पर उतारू हो जाते है। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है।ज्ज्
महावीर अरोड़ा, यात्री
ञ्चहनुमानगढ़ का किराया सोलह रुपए है। रोजाना चार-चार रुपए की टॉफिया खाएंगे तो बच्चों का पेट कैसे भरेंगे।ज्ज्
कृष्णलाल वर्मा, यात्री
चिल्लरों के लिए परिचालकों को किया गया पांबद
ञ्चयह समस्या वास्तव में गंभीर है। चिल्लर उपलब्ध करवाने के लिए बैंकों से पत्र व्यवहार किया गया है। निगम के सभी परिचालकों को चिल्लर के अभाव में टॉफी वगैरह नहीं देने के लिए पाबंद किया है।ज्ज्
रघुराजसिंह, प्रबंधक हनुमानगढ़ आगार राजस्थान परिवहन निगम
नए बस स्टैंड पर खुल्ले रुपयों व चिल्लर की कमी के चलते सवारियों को आर्थिक क्षति का सामना करना पड़ रहा है। इससे यात्री परेशान है। राजस्थान पथ परिवहन निगम की ओर से टिकट वितरण विंडो पर संचालकों द्वारा सवारियों को टोजो व टॉफी आदि पकड़ा दिए जाते हैं। सवारियों के पास खुले पैसे न होने पर इसका फायदा निगम वाले उठा लेते है। लेकिन इस पर अंकुश नहीं लगा पा रहा है।
ठगा सा महसूस करते हैं यात्री
संचालकों द्वारा टिकट के साथ टॉफी व टोजो आदि देने पर निगम को इसका फायदा मिलता है। वहीं कमीशन क
े साथ-साथ दुकानदारों का भी आर्थिक लाभ हो रहा है। पंद्रह रुपए की टॉफी के पैकिट से वे इसका चिल्लर के रूप में उपयोग कर चालीस से पचास रुपए तक कमा रहे है। वहीं टोजो के पैकिट से वे 80 रुपए प्रति सैकड़ा के हिसाब से फायदा उठाते है। सवारियों को एक-दो रुपए न देकर बदले में पच्चीस पैसे की टॉफियां देते हैं तो यात्री खुद को ठगा सा महसूस करते हैं।
टॉफिया देकर फेर लेते हैं मुंह
ञ्चमहंगाई से आज हर आदमी परेशान है। लेकिन कभी भी ये टिकट बेचने वाले लोग एक-दो रुपए तो देते ही नहीं।बल्कि दो-चार टॉफिया देकर मुंह फेर लेते है।ज्ज्
विद्यादेवी धानक, यात्री
ञ्चटॉफी-टोजो के न लेने पर संचालक चिल्लर की कमी बताते हंै। कभी-कभी तो लड़ाई पर उतारू हो जाते है। इससे यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है।ज्ज्
महावीर अरोड़ा, यात्री
ञ्चहनुमानगढ़ का किराया सोलह रुपए है। रोजाना चार-चार रुपए की टॉफिया खाएंगे तो बच्चों का पेट कैसे भरेंगे।ज्ज्
कृष्णलाल वर्मा, यात्री
चिल्लरों के लिए परिचालकों को किया गया पांबद
ञ्चयह समस्या वास्तव में गंभीर है। चिल्लर उपलब्ध करवाने के लिए बैंकों से पत्र व्यवहार किया गया है। निगम के सभी परिचालकों को चिल्लर के अभाव में टॉफी वगैरह नहीं देने के लिए पाबंद किया है।ज्ज्
रघुराजसिंह, प्रबंधक हनुमानगढ़ आगार राजस्थान परिवहन निगम
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