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BSNL द्वारा बकाया वसूली के नाम पर धरोहर राशि जब्त

पीलीबंगा. मोबाइल क्रांति के चलते उपभोक्ताओं का लैंडलाइन फोन से मोह भंग हो चुका है। इसके चलते वे कनेक्शन कटवा रहे हैं। लेकिन कनेक्शन के समय जमा कराई गई धरोहर राशि वापस नहीं दी जा रही। बीएसएनएल ने उपभोक्ताओं को सूचना दिए बिना सहमति के बकाया वसूली के नाम पर धरोहर राशि जब्त कर रहा है। इससे उपभोक्ता ठगा सा महसूस कर रहे हैं। कनेक्शन के समय निगम प्रति उपभोक्ता 2500 रुपए धरोहर राशि तथा डब्ल्यूएलएल फोन पर 500 रुपए धरोहर राशि जमा कराता था। बाद में जब मोबाइल फोन के कारण लैंडलाइन फोन का इस्तेमाल बंद हो गया तो बीएसएनएल ने लम्बे समय तक बंद रहे बेसिक कनेक्शन काट दिए। धीरे-धीरे स्थायी शुल्क लगाकर धरोहर राशि जब्त कर दूरभाष संबंध विच्छेद कर दिया। प्रश्न उठता है कि उपभोक्ता की सहमति बिना धरोहर राशि जब्त करने की प्रक्रिया किस आधार पर अपनाई गई। इस संबंध में अधिवक्ता महावीर अरोड़ा को कहना है कि कनेक्शन लेते समय उपभोक्ता से किए गए करार की पालना दोनों पक्षों को करनी पड़ती हैं। धरोहर राशि जब्त करना ही विकल्प नहीं बल्कि उपभोक्ता की सहमति से राशि जमा करानी चाहिए। बीएसएनएल हनुमागनढ़ जंक्शन कार्यालय की कनिष्ठ लेखा अधिकारी सीमा ने बताया कि संबंधित उपभोक्ता को पूर्व में मोबाइल फोन से बकाया की सूचना दे दी जाती है। सूचना के बाद यदि बकाया जमा नहीं होता तो उसकी धरोहर राशि से बकाया राशि समायोजित कर दी जाती है। समायोजन के बाद भी बकाया निकलता है तो उसे नोटिस से सूचना दी जाती है। नोटिस की पालना नहीं करने पर नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाती है।

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