मेरे बुजुर्ग ही मेरा अभिमान हैं...कविता सुना बुजुर्गों की महत्ता बताई
पीलीबंगा : अखिल भारतीय साहित्य परिषद व श्री जयलक्ष्मी साहित्य कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मंच के कला भवन में काव्य गोष्ठी हुई। अध्यक्षता पारस मिढ्ढा (संगरिया) ने की। कवि विजय बवेजा ने 'मेरे बुजुर्ग ही मेरा अभिमान है' कविता पेश कर बुजुर्गों की महत्ता को पेश किया। नवदीप भनौत ने 'हुनरमंदी में हुनर जीने का हुनर नहीं आया' गजल तथा निखिल बिश्रोई ने 'बुजुर्गों की अवहेलना हो गई' कविता सुनाकर माहौल को बदला। पारस मिढ्ढा ने मंच के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए इसे साहित्य के क्षेत्र में एक अच्छी शुरुआत बताया। गोष्ठी में सोहनलाल, अनुराग अरोड़ा, श्रवण आदि ने भी स्वरचित रचनाएं प्रस्तुत कीं।
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