Header Ads

test

गुरु का वचन सदा सुखदाई होता है: सुनीता चौहान

पीलीबंगा|गुरुमत को अपनाकर ही जीवन को विशालता प्राप्त होती है। उक्त विचार निरंकारी मिशन की प्रबुद्ध विचारक बहन सुनीता चौहान सूरतगढ़ ने रविवार को निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित संत समागम में कहे। उन्होंने कहा कि गुरु की मत द्वारा काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार पर आत्मा का नियंत्रण रखा जा सकता है। मन को आत्मा के अधीन करने से भावनाएं शुद्ध व सकारात्मक बन जाती हैं और कदम सही दिशा की ओर बढऩे लगते हैं। उन्होंने कहा कि गुरु का वचन सदा सुखदाई होता है। यदि वचन मन की इच्छा के विपरित भी आ जाए तो भी वचन को मानने में ही भक्त की भलाई है। उन्होंने बताया कि जो धर्म मानव को मानव से जोड़े, मानव के ह्रदय में प्रेम, करुणा, दया, नम्रता एवं भाईचारे की भावनाओं को पैदा करे, वही सच्चा धर्म है, वही सच्ची शिक्षा है। संत समागम को शोभित आहूजा, सतपाल लोंगवाला, केवलकृष्ण सक्सेना, वंदना व नेहा सलूजा आदि ने संबोधित किया। समागम के उपरांत लंगर सेवा प्रदीप आहूजा परिवार द्वारा की गई। 

No comments