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बाबा गुरिंदरसिंह हैलीकॉप्टर से पहुंचे लालपुरा, आज सवाल-जवाब, कल होगा सत्संग

डेराब्यास राधा स्वामी के बाबा गुरिंदरसिंह सोमवार दोपहर करीब एक बजे श्रीगंगानगर जिले के लालपुरा (पालीवाला) में पहुंच गए। वे मंगलवार बुधवार दो दिन जिले के अनुयायियों को अध्यात्म, सेवा समर्पण के लिए प्रेरित करेंगे। बाबा गुरिंदरसिंह हैलीकॉप्टर के जरिए दोपहर को लालपुरा में बने हैलीपैड पर उतरे। उनके आगमन को देखते हुए भक्तों ने कई दिनों से लालपुरा में डेरा जमा रखा है। सुरक्षा के लिहाज से जहां पुलिस-प्रशासन अपनी व्यवस्थाओं में जुटा है, वहीं डेरा के सेवादारों ने भी कमान संभाल रखी है। मंगलवार सुबह करीब 10:00 बजे बाबा गुरिंदरसिंह अनुयायियों के बीच आएंगे। हालांकि इस दिन वे खुद प्रवचन नहीं देंगे। अगले दिन बुधवार को सुबह करीब 10:00 बजे बाबा सत्संग से संगत को निहाल करेंगे। 

सुबह 5 बजे से शुरू हो जाएंगी विशेष बसें, गाँधी स्टेडियम से चलेंगी 
पीलीबंगा के गाँधी स्टेडियम से सुबह 5 बजे डेरा लालपुरा के लिए विशेष बसें चलनी शुरू हो जाएंगी। वहीं जिले के तकरीबन सभी कस्बों से विशेष बसों की व्यवस्था की गई है। पंजाब, हरियाणा समेत दिल्ली तक से यहां भक्त पहुंचने शुरू हो गए। दावा किया जा रहा है कि 2 लाख से ज्यादा संगत यहां पहुंचेगी।

17 मुरब्बे में स्थापित डेरा, शैड के नीचे बैठ सकती है 2 लाख संगत, बड़ा मैदान भी 
श्रीगंगानगर-सूरतगढ़मार्ग पर स्थित पालीवाला के पास लालपुरा डेरा करीब 17 मुरब्बा जमीन में स्थापित है। इसके अंदर बने शैड के नीचे 2 लाख के आसपास श्रद्धालु आराम से बैठ सकते हैं। इसके अलावा खुले मैदान में भी लाखों की तादाद में भक्तों के लिए जगह है, जिसे दुरुस्त किया गया है। डेरे के अंदर ही लंगर की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा विकलांग वृद्धजनों सही जगह बिठाने बाहर निकालने के लिए भी सेवादारों को जिम्मेदारी दी गई। 
90 देशों में होता है सत्संग, 5 हजार प्रवचन स्थल 
राधास्वामी का डेरा का मुख्यालय अमृतसर से करीब 35 किमी दूर व्यास में स्थापित है। विदेश के अलावा भारत के विभिन्न राज्यों में इनके अनुयायी हैं। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान दिल्ली से चिपते इलाकों अनुयायियों की संख्या ज्यादा है। इनका 90 देशों में डेरे का सत्संग होता है और भारत में 5000 सत्संग केंद्र है। डेरे का उद्देश्य आध्यात्मिक, रूहानी, सेवा और ईश्वर प्राप्ति है। \

डेरा के करीब 5000 सेवादारों अलग-अलग जिम्मेदारियां संभाली हैं। कोई भोजन-पानी को लेकर व्यवस्था देख रहे हैं। ट्रैफिक के लिए हालांकि पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे, लेकिन इनके साथ डेरा के सेवादार भी शामिल होंगे। उन्हें विशेष यूनिफॉर्म दी गई है। इसके अलावा डेरा परिसर में पार्किंग के अलावा चिकित्सा व्यवस्था को भी पुख्ता किया गया है। वहीं भोजन-पानी की व्यवस्था डेरा परिसर में दो दिन तक लगातार चलती रहेगी। पार्किंग की व्यवस्था इस तरह की है कि आसानी से गाड़ी को पार्किंग किया जा सकेगा और निकाला भी जा सकेगा।

मार्च 2016 में आए थे लालपुरा, इसके बाद जलालाबाद तक ही आए 
बाबा गुरिंदरसिंह बीते मार्च 2016 को लालपुरा आए थे। इसके लिए जलालाबाद पंजाब में उन्होंने सत्संग किया था। उस समय पंजाब में विधानसभा चुनाव थे, जिसके चलते ज्यादा जगह स्वयं सत्संग नहीं किया। चूंकि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले में भी उनके लाखों अनुयायी हैं, इसलिए यहां लंबे समय से लोगों को उनके आगमन का इंतजार था। 

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