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गेहूंके लिए आया नया बीज, रेतीली जमीन पर भी हो सकेगा उत्पादन

बदलते मौसम से लड़ने की क्षमता, पीला मोजक भी नहीं आएगा

गेहूं के लिए सरकारी स्तर पर नया बीज अाया है, जो बदलते मौसम में भी उत्पादन और बेहतर क्वालिटी देगा। इतना ही नहीं रेतीली जमीन पर भी इस बीज से उत्पादन होगा। अनेक जगहों पर ट्रायल के बाद इसकी खूबियां सामने आईं। फिलहाल इसकी किस्म जयपुर से श्रीगंगानगर पहुंच चुकी है। इस किस्म में फसल की बीमारियों से लड़ने की क्षमता भी है। सर्द-गर्म मौसम भी इसे ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा। राज्यबीज निगम ने इस साल किसानों के लिए गेहूं का नया बीज उपलब्ध कराया है। इसमें राज-1482 एवं राज-3077 जैसे गुण हैं। यही नहीं दोनों के विकल्प के तौर पर इलाके में बोया जा रहा राज-4238 ऐसा बीज है जो रेतीली भूमि में भी अच्छा उत्पादन दे सकता है। इसके कई जगह पर ट्रायलहोने के बाद पिछले साल ही पैकेज में लिया है। राज-4238 के ब्रीडर वैज्ञानिक डॉ. अजीतसिंह ने बताया कि हालांकि यह किस्म 2013 में आ गई थी, लेकिन किसी कारणवश रुकी हुई थी, इसे पिछले साल अनुमोदन कमेटी ने पास कर दिया है। राज्य बीज निगम श्रीगंगानगर में उपलब्ध राज-4238 किस्म के बीज को पकाव में 110 से 115 दिन लगते हैं। अगर पक्की दोमट मिट्टी हो तो 42-46 क्विंटल प्रति हैक्टेयर (चार बीघा) उपज हो सकती है। इसे पकाने के लिए कम से कम चार-पांच बार पानी देना होता है।

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