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पीपल-पीपली की शादी !!

पीलीबंगा विशेष 
घड़साना के गांव 7 एमडी में युवा वर्ग को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए अनूठी पहल की, 

पीपल-पीपली की शादी करवाई

आयोजक समिति के रवि बिश्नोई ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य युवाओं में प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना पैदा करना है। युवा वर्ग पौधरोपण करें और इनकी परिवार के सदस्यों की भांति देखभाल करें। तभी हम अकाल, उच्च तापमान, बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं से बचाव कर पाएंगे। शादी समरोह मे बनाए गए मंच से भी कलाकारों ने अपने लोकगीतों को माध्यम से पेड़ों का मानव जीवन मे महत्व बताया। उन्होंने संदेश दिया कि हिंदू धर्म मे हमेशा से ही पीपल पूजा होती आई है। पीपल के वृक्ष को भगवान माना गया है। 
एक बड़ा मंच भी सजाया गया। बाराती घराती दो पक्ष थे। गांव में महिलाओं का एक वर्ग पीपली का वधू पक्ष बना। वहीं पुरुषों ने का वर्ग पीपल पक्ष से बाराती बना। बारात का स्वागत ढोल बाजों के साथ किया गया। पूरा गांव इस अनोखी शादी में शामिल हुआ। मान सम्मान के साथ सभी बारातियों को स्वागत किया गया। विधिवत हवन मंत्रोच्चार के कर हिंदू रीति-रिवाज के साथ सात फेरे हुए। विवाह की अन्य रस्में भी निभाई गईं। समारोह में शामिल सभी ग्रामिणों के लिए सामूहिक भोजन की व्यवस्था की गई। कार्यक्रम में सुरेश सहारण, ओम जांगू, लखविंद्र खोसा, सूर्यप्रकाश शर्मा सहित सैकड़ों महिला-पुरुष शामिल हुए। 
शादी समारोह ग्रामीणों ने गांव खेत सहित खाली पड़ी भूमि पर अधिक पौधे लगाने उनकी सार संभाल और बच्चों को इस संबंध में प्रेरित करने का संकल्प लिया। पीपल की शादी समारोह को लेकर गांव को अलग-अलग रंग की फरियां लगाकर विशेष रूप से सजाया गया था। समारोह को लेकर ग्रामीण कई दिनों से तैयारी में जुटे थे।  
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