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सामाजिक और राजनीतिक कविताओं से लूटी वाह वाही

पीलीबंगा. अखिल भारतीय साहित्य परिषद व श्री जय लक्ष्मी साहित्य कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मंच के पाक्षिक काव्य गोष्ठी हुई। कवियों ने राजनीतिक और सामजिक कविताएं पेश कर वाह वाही लूटी। कला भवन में हुई गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार निशांत ने की। कवि बलविंद्र भनौत ने 'घर से बड़ी कोई मंजिल नहीं होती' कविता पेश की। लेखक विजय बवेजा ने 'ऐ मोदी तुझे सलाम जनता की नब्ज को लिया तूने पहचान' सुना वाह वाही लूटी। गजल गायक नवदीप भनौत ने गजल 'हम न लेंगे जान किसी की राम दुखी हो जाते हैं' सुनाकर एक इंसान का दर्द बयां किया। पंकज खंडेलवाल ने 'हिंदू का हो या मुसलमान का बच्चा तो फ रिश्ता है', कवि निशांत ने राजस्थानी कविता 'इलाका', व्याख्याता उग्रसेन जाखड़ ने 'हो जाओ होशियार' कविता पेश कर जल संकट के बारे में चेताया। इस दौरान राजस्थानी साहित्यकार लक्ष्मी कुमारी चूंडावत व मंच के पूर्व अध्यक्ष पंकज खंडेलवाल की माता के निधन श्रद्धांजलि अर्पित की गई। ओम कालोया, सोहन लाल, राजेंद्र पारीक, राहुल भनौत, प्रेम सिंह, बलकरण सिंह, जोगेंद्र सिंह आदि कवि मौजूद थे। मंच संचालन विजय बवेजा ने किया। 

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