सरसों की सरकारी खरीद पर अधिकारियों की बहानेबाजी : किसानों का आरोप, खरीद एजेंसी के अधिकारियों और व्यापारियों में है मिलीभगत
हनुमानगढ़ | समर्थन मूल्य पर सरसों की सरकारी खरीद पर अधिकारियों की बहानेबाजी साफ नजर आने लगी है। सरकारी खरीद अभी कागजों में है और किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम भाव पर जिंस बेचने को मजबूर हैं। पिछले एक हफ्ते के दौरान जिले की मंडियों में सरसों की आवक तेज हुई लेकिन भाव 29 सौ रुपए से नीचे है। उधर, सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3050 रुपए प्रति क्विंटल है। इस साल सरसों व चने की सरकारी खरीद की घोषणा हुई है और इसके लिए एजेंसियां भी तय हैं। नियमानुसार एक अप्रैल से खरीद शुरू हो जानी चाहिए थी लेकिन अभी तक खरीद शुरू न होने से स्थिति संदेहास्पद है। किसानों का आरोप है कि खरीद एजेंसियों के अधिकारियों ने व्यापारियों से मिलीभगत कर रखी है। इसी कारण खरीद शुरू नहीं की जा रही है और व्यापारी समर्थन मूल्य से भी कम भाव में सरसों खरीद रहा है।
सरसों की खरीद शुरू न होने के कारण किसानों का रोष बढ़ रहा है पर अधिकारी इसका कारण स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। तीन-चार दिन पहले तक खरीद एजेंसियों के अधिकारी सरसों में तय सीमा से अधिक नमी होने की बात कह रहे थे। अब किसान अपनी फसल की गुणवत्ता सही बताने लगे हैं तो अधिकारियों का रवैया बदल गया है। खरीद एजेंसियों के अधिकारी अब बारदाना उपलब्ध न होने की बात कह रहे हैं। खरीद एजेंसियों को बारदाना उपलब्ध करवाना नैफेड की जिम्मेदारी है। खास बात यह है कि नैफेड के अधिकारियों के मुताबिक खरीद एजेंसियों को 18 हजार बोरी बारदाना उपलब्ध करवाया जा चुका है।
इन एजेंसियों को करनी है खरीद
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना व सरसों की खरीद राजफैड व तिलम संघ करेंगे। राजफैड हनुमानगढ़ टाउन, गोलूवाला, रावतसर व संगरिया में सरसों की खरीद करेगी। हनुमानगढ़ जंक्शन में सरसों की खरीद तिलम संघ करेगा। उधर, चने की खरीद के लिए नोहर में तिलम संघ व रावतसर और भादरा में राजफैड का नाम तय किया गया है।
सरसों की खरीद शुरू न होने के कारण किसानों का रोष बढ़ रहा है पर अधिकारी इसका कारण स्पष्ट नहीं कर रहे हैं। तीन-चार दिन पहले तक खरीद एजेंसियों के अधिकारी सरसों में तय सीमा से अधिक नमी होने की बात कह रहे थे। अब किसान अपनी फसल की गुणवत्ता सही बताने लगे हैं तो अधिकारियों का रवैया बदल गया है। खरीद एजेंसियों के अधिकारी अब बारदाना उपलब्ध न होने की बात कह रहे हैं। खरीद एजेंसियों को बारदाना उपलब्ध करवाना नैफेड की जिम्मेदारी है। खास बात यह है कि नैफेड के अधिकारियों के मुताबिक खरीद एजेंसियों को 18 हजार बोरी बारदाना उपलब्ध करवाया जा चुका है।
इन एजेंसियों को करनी है खरीद
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर चना व सरसों की खरीद राजफैड व तिलम संघ करेंगे। राजफैड हनुमानगढ़ टाउन, गोलूवाला, रावतसर व संगरिया में सरसों की खरीद करेगी। हनुमानगढ़ जंक्शन में सरसों की खरीद तिलम संघ करेगा। उधर, चने की खरीद के लिए नोहर में तिलम संघ व रावतसर और भादरा में राजफैड का नाम तय किया गया है।
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