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संत निरंकारी भवन में समागम का आयोजन हुआ

पीलीबंगा. सच एक सूर्य के समान है जबकि अज्ञानता बादलों के समान। यह बात संत निरंकारी मिशन के प्रबुद्ध विचारकों ने रविवार को संत निरंकारी भवन में आयोजित समागम को संबोधित करते हुए कही। संतों ने बताया कि रोशनी का ना होना तो अंधकार है ही पर रोशनी के होते हुए आंखें बंद कर लेना भी अंधकार में रहना है। संतोष भाव के लिए गुणों के भंडार परमात्मा से हमारा नाता जुडऩा जरूरी है। संन्यास तो वैराग्य का नाम है, जो मन को धारण करना होता है। समागम को बहन हरजीत कौर, वंदना कुमार, माधव, रक्षक, साधुराम निरंकारी व अन्य संतों ने संबोधित किया। लंगर सेवा मदन लाल सलूजा परिवार द्वारा की गई। 

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