मंडियों में फसल आते ही सरकारी गोदामों से गेहूं की बिक्री बंद
खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत मध्य प्रदेश में गेहूं की बिक्री सरकार ने बंद कर दी है जबकि अन्य राज्यों में फ्लोर मिलों को गेहूं बेचने के लिए दो ओर निविदा जारी की जाएंगी। ओएमएसएस के तहत अभी तक केवल 50 लाख टन गेहूं की बिक्री ही हो पाई है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू की जाएगी और ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बंद कर दी गई है। नई फसल की आवक शुरू होने के कारण सरकारी बिक्री बंद की गई है। देश के अन्य राज्यों में की रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं बेचने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) दो ओर निविदा जारी करेगी।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 21 जून को ओएमएसएस के तहत 95 लाख टन गेहूं बेचने की अनुमति दी थी जिसमें से अभी तक केवल 50 लाख टन गेहूं की ही बिक्री हुई है। आगामी दो निविदा में ओर लगभग पांच-छह लाख टन गेहूं की बिक्री होने का अनुमान है। अभी तक हुई गेहूं की सरकारी खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात की है।
उन्होंने बताया कि चालू रबी विपणन सीजन 2014-15 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 50 रुपए की बढ़ोतरी कर भाव 1,400 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है जबकि मध्य प्रदेश में राज्य सरकार किसानों को अलग से 100 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दे सकती है। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2013-14 में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार 956 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2012-13 में 935.1 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई थी। केंद्रीय पूल में पहली फरवरी को 411.38 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है। इसमें 242 लाख टन गेहूं और 169.38 लाख टन चावल की हिस्सेदारी है। केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक बफर के तय मानकों के मुकाबले ज्यादा ही है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य प्रदेश में 15 मार्च से गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद शुरू की जाएगी और ओएमएसएस के तहत गेहूं की बिक्री बंद कर दी गई है। नई फसल की आवक शुरू होने के कारण सरकारी बिक्री बंद की गई है। देश के अन्य राज्यों में की रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं बेचने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) दो ओर निविदा जारी करेगी।
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 21 जून को ओएमएसएस के तहत 95 लाख टन गेहूं बेचने की अनुमति दी थी जिसमें से अभी तक केवल 50 लाख टन गेहूं की ही बिक्री हुई है। आगामी दो निविदा में ओर लगभग पांच-छह लाख टन गेहूं की बिक्री होने का अनुमान है। अभी तक हुई गेहूं की सरकारी खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात की है।
उन्होंने बताया कि चालू रबी विपणन सीजन 2014-15 के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं के एमएसपी में 50 रुपए की बढ़ोतरी कर भाव 1,400 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है जबकि मध्य प्रदेश में राज्य सरकार किसानों को अलग से 100 रुपए प्रति क्विंटल का बोनस दे सकती है। कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2013-14 में गेहूं की रिकॉर्ड पैदावार 956 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2012-13 में 935.1 लाख टन गेहूं की पैदावार हुई थी। केंद्रीय पूल में पहली फरवरी को 411.38 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक मौजूद है। इसमें 242 लाख टन गेहूं और 169.38 लाख टन चावल की हिस्सेदारी है। केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक बफर के तय मानकों के मुकाबले ज्यादा ही है।
Post a Comment