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डेंगू का खौफ, मलेरिया का भी प्रकोप

पीलीबंगा | कस्बे में एक डेंगू रोगी मिलने व मलेरिया रोगी की संख्या में इजाफा होने के बाद भी पालिका प्रशासन इस समस्या के प्रति गंभीर नहीं है। मच्छरों के प्रकोप की वजह से राजकीय चिकित्सालय सहित निजी चिकित्सालयों में मलेरिया के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। कस्बे के वार्ड 17 में डेंगू का 1 मरीज व अयालकी में एनएस का 1 मरीज मिलने के बाद से चिकित्सा विभाग हरकत में जरूर आया है परंतु कार्रवाई की रफ्तार धीमी होने की वजह से लोगों को राहत का इंतजार है। मौसम बदलने के साथ ही मच्छरों ने लोगों की नींद हराम कर दी है। कस्बे के वार्ड 16 व 17 सहित वार्ड 11 की गंदे पानी की गिनाणियों में खड़े पानी से पनपे मच्छरों ने आसपास के वांशिदों पर कहर ढा रखा है। शाम होते ही मच्छरों के झुंड के झुंड लोगों के घरों में मंडराने लगते हैं। वहीं दूसरी तरफ पालिका प्रशासन भी शहर में बढ़ते मच्छरों के प्रकोप को लेकर गंभीर नहीं है। 
तकनीकी पेंच में उलझी संख्या 

जहां एक ओर लोगों में डेंगू का डर है, वहीं डेंगू के मरीजों की असली संख्या तकनीकी फेर में उलझ गई। सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, सिर्फ एनएस-1 टेस्ट में पॉजिटिव रिपोर्ट होने से डेंगू की पुष्टि नहीं होती। लोग इस तर्क को नहीं मान रहे हैं। लोगों का पहला संशय तो सरकारी आंकड़ों पर ही है, क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है। दूसरा तथ्य यह भी है कि भले ही विभाग डेंगू की पुष्टि न कर रहा हो, पर इतना तो तय है कि मौसमी बीमारियां बेलगाम होती जा रही हैं। 

बिगड़ी है सफाई व्यवस्था 

शहर में बिगड़ी सफाई व्यवस्था के चलते मौसमी बीमारियां बेकाबू हो रही हैं। कई जगहों पर नाले ब्लॉक हैं। गंदा पानी सड़कों पर पसरा है। सरकारी अस्पताल तक में गंदा पानी जमा है।  पानी खड़ा रहने के कारण कई लोग मलेरिया और डेंगू की चपेट में आए हुए हैं। 

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