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मंडी में अचानक बढ़ी आवक, 225 रुपए प्रति क्विंटल गिरे भाव त्योहार के चलते किसान ला रहे हैं फसल

भाव बढऩे के इंतजार में ग्वार को स्टॉक करके रखने वाले किसानों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। एक सप्ताह के दौरान ग्वार की आवक में एकाएक तेजी आई है। बुधवार को ईद के कारण मंडी में बोली नहीं हुई लेकिन आवक जारी रही। इससे पहले दो दिन ग्वार की बंपर आवक हुई। कृषि उपज मंडी समिति के आंकड़ों के अनुसार सोमवार को हनुमानगढ़ खंड में 3767 क्विंटल ग्वार की आवक हुई। वहीं मंगलवार को इसकी मात्रा बढ़कर 4583 क्विंटल तक पहुंच गई। ग्वार के भाव सोमवार को 5825 रुपए थे, जो मंगलवार को घटकर 5600 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। जंक्शन मंडी के व्यापरियों के अनुसार बुधवार को ग्वार के भाव ५६०० से ५६२० रुपए प्रति क्विंटल रहे।
ग्वार की नई फसल भी अब मंडी में आने को तैयार है। इस बार ग्वार की बंपर फसल होने की संभावना है। इसकी वजह ग्वार के क्षेत्र में बढ़ोतरी भी है। अकेले हनुमानगढ़ जिले में पांच लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में ग्वार की बुवाई हुई है। खास बात यह है कि परंपरागत ग्वार उत्पादक क्षेत्रों के अलावा पंजाब, हरियाणा और गुजरात के कुछ इलाकों में भी ग्वार की बुवाई हुई है। इस फसल के आने पर ग्वार के भावों में परिवर्तन देखने को मिल सकता है हालांकि व्यापारियों का कहना है कि फिलहाल ग्वार न्यूनतम भाव पर है। व्यापारियों का मानना है कि ग्वार के भाव इससे नीचे नहीं जाएंगे। किसान नेताओं का कहना है कि ग्वार के वर्तमान भावों से किसान निराश हैं और वे मजबूरी में फसल मंडी में ला रहे हैं। उधर मंडी में ग्वार की आवक बढऩे से मंडी समिति की आय में भी एकाएक बढ़ोतरी हो गई है।

पुराना स्टॉक भी निकाल रहे हैं किसान
ग्वार की नई फसल अभी निकाली जा रही है लेकिन जिस तरह से मंडी में आवक बढ़ी है उससे यह कहा जा रहा है कि किसान पुराना स्टॉक भी निकाल रहे हैं। कई किसानों ने तो ग्वार की पुरानी फसल को एक साल तक रोके रखा था। इसकी एक वजह यह भी थी कि ग्वार को वायदा व्यापार से बाहर कर दिया गया था। किसानों ने इसे वायदा व्यापार में लाने के लिए आंदोलन किए और कुछ माह पहले ग्वार वायदा व्यापार में शामिल भी हुआ। इसके बावजूद ग्वार के भावों में कोई तेजी नहीं आई। अब ऐसा लग रहा है कि दीपावली से ठीक पहले किसानों ने ग्वार के पुराने स्टॉक को भी बेचने का मन बना लिया है।

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