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'सत्संग सुनने से मिलती है पापों से मुक्ति'

पीलीबंगा. सत्संग में जब लोग वचनों को सुनते है। सुनी हुई बातों पर अमल करते है तो किए गए पापों से मुक्ति मिल जाती है। इंसान को चाहिए कि वह प्रभु के नाम का जाप करें। यह बात गुरुवार को शाह सतनाम जी रुह-ए-सुख आश्रम में उपस्थित साध-संगत को संबोधित करते हुए डेरा सच्चा सौदा के संत गुरमीत राम रहीम ङ्क्षसह जी इन्सां ने कहे। गुरुवार को आश्रम में रूहानी मजलिस में मौजूद साध-संगत को संबोधित करते हुए गुरुजी ने कहा कि इन्सान मोक्ष-मुक्ति व जन्म-मरण के चक्करों से आजाद होने का एक मात्र उपाय अल्लाह, वाहेगुरु, गॉड, खुदा, रब्ब का नाम है। इन्सान जब परहित के कार्य करता है, दीन दुखियों की मदद करता है तो उसके जन्मों-जन्मों के पाप धुल जाते है। गुरुजी ने कहा कि सत्संग में केवल बैठने से इन्सान मोक्ष-मुक्ति को हासिल नहीं कर सकता। जब तक अहंकार नहीं मिटेगा तब तक मोक्ष की प्राप्ति संभव नहीं है। गुरुजी ने कहा कि हर इंसान शांतचित्त रहना चाहता है लेकिन शांतचित्त रहने के लिए आत्मविश्वास होना बहुत जरुरी है। आत्मविश्वास के लिए इन्सान को सिमरन करना चाहिए।

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