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बीएसएनएल ने लिया तार सेवा बंद करने का निर्णय

सत्तर-अस्सी के दशक में समाज मे तार (टेलीग्राम) का जबरदस्त क्रेज था। संदेश पहुंचाने का सबसे तेज साधन जो था। उस समय किसी को बधाई, खुशखबरी तथा किसी अनहोनी का संदेश पहुंचाने के लिए तार में लिखे दो शब्द काफी होते थे। लेकिन आज इससे भी तेज संचार साधनों ने इसे गैरजरूरी बना दिया। सेना, सुरक्षा एजेंसी तथा कोर्ट के कई कार्यों में भी ये तार बड़ी अहमियत रखते थे। कोर्ट में गवाही के समय उपस्थिति नहीं देने पर तार से इसकी सूचना भेज दी जाती थी, इसी तरह सीमा पर युद्ध की स्थिति बनने पर अवकाश बिता रहे फौजियों को तार के टेलीग्राम के जरिए युद्ध मैदान में पहुंचने की सूचना दी जाती थी। आलम यह था कि गांव में तार आने पर लोगों की भीड़ जमा हो जाती थी। भारत संचार निगम के लिए यह सुविधा अब खर्चीला साबित होने लगा है। इसे देखते हुए विभाग ने इसे 15 जुलाई से बंद करने का निर्णय लिया है। 

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