कैस्टर सीड की खरीदारी देगी मुनाफा
वायदा बाजार में पिछले चार दिनों में कैस्टर सीड की कीमतों में 5.8 फीसदी की तेजी आकर भाव 3,507 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं
मानसूनी वर्षा शुरू होने के बाद उत्पादक मंडियों में आवक कम हो जायेगी, साथ ही बुवाई में कमी के भी हैं आसार
ऐसे में आगामी दिनों में इसकी मौजूदा कीमतों में 10-12 फीसदी की और तेजी आने की संभावना है
नीचे भाव में मांग निकलने से कैस्टर सीड की कीमतों में सुधार आया है। वायदा बाजार में पिछले चार दिनों में कैस्टर सीड की कीमतों में 5.8 फीसदी की तेजी आकर भाव 3,507 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से निर्यातकों की खरीद कैस्टर तेल में बढ़ी है जबकि मानसूनी वर्षा शुरू होने के बाद उत्पादक मंडियों में आवक कम हो जायेगी।
वैसे भी चालू खरीफ में कैस्टर सीड की बुवाई में कमी आने की आशंका है। ऐसे में आगामी दिनों में इसकी मौजूदा कीमतों में 10-12 फीसदी की और तेजी आने की संभावना है।
एनसीडीईएक्स पर जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में कैस्टर सीड की कीमतों में पिछले चार दिनों में 5.8 फीसदी की तेजी आई है।
जुलाई महीने के वायदा अनुबंध में कैस्टर सीड का भाव 4 अप्रैल को 3,314 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि शुक्रवार को इसका भाव बढ़कर 3,507 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। ब्रोकिंग फर्म इंडियाबुल्स कमोडिटी लिमिटेड के असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च (कमोडिटी) बद्दरूदीन ने बताया कि नीचे भाव में निर्यातकों की मांग निकलने से कैस्टर सीड और तेल की कीमतों में तेजी आई है।
उन्होंने बताया कि कैस्टर सीड के दाम घटकर न्यूनतम स्तर पर आने के कारण चालू खरीफ में इसकी बुवाई में भी कमी आने की आशंका है। वैसे भी वर्ष 2012-13 में कैस्टर सीड की पैदावार में कमी आई थी तथा आगामी दिनों में उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक भी कम हो जायेगी। इसलिए कैस्टर सीड की मौजूदा कीमतों में और भी तेजी आने की संभावना है।
जयंत एग्रो आर्गेनिक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक वामन भाई ने बताया कि रुपये के मुकाबले डॉलर मजबूत होने से कैस्टर तेल में निर्यातकों का मार्जिन बढ़ा है।
निर्यातकों द्वारा कैस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,225 डॉलर प्रति टन की दर से किए जा रहे हैं तथा चालू वर्ष के पहले पांच महीनों (अप्रैल से मई) के दौरान करीब 1.60 लाख टन कैस्टर तेल का निर्यात को हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले करीब 5 फीसदी ज्यादा है। वर्ष 2012-13 में 4.30 लाख टन कैस्टर तेल का निर्यात हुआ था जबकि चालू वर्ष में निर्यात बढ़कर 4.50 लाख टन होने का अनुमान है।
एस सी केमिकल के मैनेजिंग डायरेक्टर कुशल राज पारिख ने बताया कि मानसूनी वर्षा शुरू होने के बाद उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक कम हो जायेगी जबकि निर्यातकों की मांग बराबर बनी रहने की संभावना है। इसलिए आगामी दिनों में उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड की कीमतों में कीरब 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि इस समय उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड की दैनिक आवक 55,000 से 60,000 बोरी (एक बोरी-75 किलो) की हो रही है तथा जुलाई महीने में मध्य में खरीफ की बुवाई शुरू होने की संभावना है। उत्पादक मंडियों में कैस्टर सीड का भाव बढ़कर 680 रुपये प्रति 20 किलो और कैस्टर तेल का 740 रुपये प्रति दस किलो हो गया। सॉल्वेंट एक्सटैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार मार्च महीने में कैस्टर तेल का निर्यात 38,669 टन का हुआ है।
वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान 4.30 लाख टन कैस्टर तेल का निर्यात हुआ है जबकि वित्त वर्ष 2011-12 के दौरान कुल निर्यात 4.04 लाख टन का हुआ था। चालू वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान कैस्टर तेल के निर्यात में 5 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। एसईए के अनुसार कैस्टर सीड का उत्पादन चालू फसल सीजन 2012-13 में 27 फीसदी घटकर 11.43 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2011-12 में 15.76 लाख टन का उत्पादन हुआ था।
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