सहनशीलता व क्षमा करना इंसान का सबसे बड़ा गुण : संत धर्मपाल टक्कर
पीलीबंगा | संकोच तब होता है, जब बोल कुछ और कर्म कुछ और होता है। ये विचार निरंकारी मिशन के प्रबुद्ध विचारक क्षेत्रीय प्रभारी संत धर्मपाल टक्कर श्रीगंगानगर वालों ने रविवार को निरंकारी सत्संग में संत समागम में मौजूद साध-संगत के समक्ष कहे। उन्होंने कहा कि संतुष्टि, करूणा, दया और प्यार की भावना भक्त के जीवन में झलकनी चाहिए। सहनशीलता व क्षमा करना इंसान का सबसे बड़ा गुण है। शुभ कर्मों के जुडऩे पर ही शुभकामनाएं सार्थक होती हैं। उन्होंने कहा कि आदमी का कर्म महान होता है व कसौटी ज्ञान की होती है। श्रीगंगानगर से पधारे प्रचारक संत चौधरीलाल, दिल्ली से बहन कान्ता छाबड़ा, बहन सरोज टक्कर, सरदारीलाल सहगल, भीयाराम, डिंपल कालड़ा व अन्य संतों ने प्रवचनों व गीतों के माध्यम से गुरु की महिमा का गुणगान किया। इसके बाद लंगर सेवा जगदीश गिरधर परिवार द्वारा की गई। समागम में डबली, गोलूवाला, हनुमानगढ़ व सूरतगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों से मिशन के सैकड़ों अनुयायियों ने भाग लिया।
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