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सूरतगढ़ में भी गेहूं बेच सकेंगे पीलीबंगा के किसान

पीलीबंगा के किसान अब सूरतगढ़ की मंडियों में भी अपना गेहूं सरकार को बेच सकेंगे। किसानों की परेशानी देखते हुए जिला प्रशासन ने बुधवार को यह सशर्त अनुमति जारी कर दी। बड़ी शर्त यह रखी गई है कि गिरदावरी प्रमाण-पत्र केवल सूरतगढ़ के लिए ही मान्य होगा। वह श्रीगंगानगर या हनुमानगढ़ की किसी अन्य मंडी में सरकार को गेहूं नहीं बेच सकेगा। दरअसल, पीलीबंगा के मानकथेड़ी, बड़ोपल, प्रेमपुरा, रामपुरा व अन्य गांवों के लोगों को सूरतगढ़ की धानमंडी नजदीक पड़ती है। सो, इन गांवों के किसान अपना गेहूं सूरतगढ़ की मंडी में बेचना चाहते थे, जबकि नियमानुसार वे अपना गेहूं हनुमानगढ़ जिले की मंडी में ही बेच सकते थे। इस बारे में हनुमानगढ़ जिला प्रशासन ने श्रीगंगानगर प्रशासन से बातचीत की। कलेक्टर श्रीराम चौरडिय़ा ने गुरुवार को आदेश जारी कर पीलीबंगा के किसानों को सूरतगढ़ में गेहूं बेचने की सशर्त छूट दे दी। इन किसानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे गिरदावरी के साथ तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार से यह प्रमाण-पत्र भी लाएंगे कि उन्हें पीलीबंगा की मंडी में गेहूं बेचने की गिरदावरी नहीं दी गई है। ये किसान अपना गेहूं केवल सूरतगढ़ की मंडी में ही बेच सकेंगे, यानी इन किसानों को श्रीगंगानगर या हनुमानगढ़ की किसी भी मंडी में गेहूं बेचने की मनाही रहेगी। गिरदावरी प्रमाण-पत्र गेहूं खरीद तक ही मान्य होगा। कलेक्टर ने इसकी जिम्मेदारी एडीएम सूरतगढ़ को सौंपी है, जबकि श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ डीएसओ, एसडीएम पीलीबंगा व सूरतगढ़ तथा खरीद एजेंसियां इसकी पालना कराएंगी। 

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