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'जिसके सिर पर तूं स्वामी सो दुख कैसा पावे'

पीलीबंगा | अखिल भारतीय साहित्य परिषद एवं श्री जयलक्ष्मी साहित्य, कला एवं नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को संगठन के कवि भवन में पाक्षिक काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ कवि निशांत की अध्यक्षता में हुई। इसमें कवि बलविंद्र भनोत ने 'शहर में किसने गम के दीप जलाए', देवलाल महिया ने 'सगलै गांव री बेटी, अब डरै है गांव स्यूं', कवि निशांत ने 'पर आदमी न डरा, डरा होता तो, दीवाली के मौके पर यूं टनों बारूद न जलाता', गुरसेवक सिंह ने 'जिसके सिर पर तूं स्वामी सो दुख कैसा पावे', कु. मोनिका शर्मा ने 'मुंडेरों पर फिर दीप जलेंगे', नवदीप भनौत ने 'दीप दूसरों को देते हैं उजाला' सहित कई लोगों ने कविताओं की पंक्तियां सुनाईं। गोष्ठी में जोगेंद्र सिंह, नवजोत सिंह, राजेंद्र पारीक, ओमप्रकाश सैन, सोहनलाल, बृजेंद्र भलेरिया, कुलदीप सिंह चौहान, दलीप भादू, अर्जुन शर्मा व श्यामलाल पारीक ने भी अपनी रचनाएं प्रस्तुत कीं। 

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