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घाटे का सौदा बनी ग्वार की खेती

पिछले साल ग्वार के बढ़ते मूल्य देख इस बार किसानों की पसंदीदा फसल रही। किसान नरमा-कपास को छोड़कर इसकी बिजाई में दिलचस्पी लेने लगे। संगरिया के प्रगतिशील किसान कृष्ण जाखड़ ने बताया कि जिन किसानों ने नरमा व कपास को छोड़कर ग्वार की बिजाई की थी, उनके लिए अब वह घाटे का सौदा बन रही है। उन्होंने अपने खेत में 90 बीघा में ग्वार लगाई थी, जो कई रोग और बारिश के दबाब से खराब हो गई। यदि भावों में यही उतार-चढ़ाव रहा तो किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

ग्वार गम टूटने से घटे भाव 
ग्वार गम के भावों में आ रही गिरावट के कारण ग्वार के भाव कम हुए हैं। पिछले दस दिनों में जहां ग्वार गम 40 हजार रुपए प्रति क्विंटल के भाव थे। वह अब 27 हजार रुपए तक पहुंच गए हैं। 

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