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'बढ़ती महंगाई, घटती कमाई'

पीलीबंगा | अखिल भारतीय साहित्य परिषद, श्रीजय लक्ष्मी साहित्य कला व नाटक मंच के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को मंच के कला भवन में पाक्षिक काव्य गोष्ठी का आयोजन हुआ। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार बलविंद्र भनौत ने की। गोष्ठी में साहित्यकार निशांत ने राजस्थानी कविता 'एक वृद्ध', बलङ्क्षवद्र भनौत ने कविता 'चरखा कत दी ने किन्हा दर्द कतया' पंजाबी कविता व हरीश हैरी ने राजस्थानी लघु कथा 'मंगलवार' पेश कर एक भिखारी की दयनीय दशा का माॢमक चित्रण प्रस्तुत किया। लेखक विजय बवेजा ने राजस्थानी क्षणिका 'महंगाई और भ्रष्टाचार हर कोई तंग है आयो' व 'बढ़ती महंगाई घटती कमाई' सुनाकर निरंतर बढ़ रही महंगाई के दुष्प्रभावों के बारे में बताया। गजल गायक नवदीप भनौत ने गुलाम अली की गजल 'बेचैन बहुत फिर ना घबराए हुए रहना' सुनाकर माहौल को खुशनुमा किया। गोष्ठी में ओमप्रकाश सैन, राजेन्द्र पारीक, देवीलाल महिया व आशीष शर्मा आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे। संचालन विजय बवेजा ने किया। 

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