'वाणी को वीणा बनाना चाहिए न कि बाण'
पीलीबंगा. जैन भवन प्रांगण में
शनिवार को साध्वी सुमन श्री के सानिध्य में वाणी संयम दिवस का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए साध्वी सुमन श्री ने बताया कि व्यक्ति को
अपनी वाणी को वीणा बनाना चाहिए न कि बाण। उन्होंने कहा कि वचन एक अनमोल
रत्न है, जिसे सहेज कर इस्तेमाल करना चाहिए। जिस व्यक्ति का वाणी पर
नियंत्रण होता है वह जीवन में बहुत सी मुश्किलों से बच जाता है। साध्वी
मधुर लता ने 'बोलो मीठी-मीठी वाणी सबके मन भाए' गीत सुनाकर मौन पचरंगी की
प्रेरणा दी। साध्वी अपूर्व यशा ने मौन की महत्ता पर प्रकाश डाला। साध्वी
सुरेखा एवं पुष्पा नाहटा ने भी वाणी विवेक पर सुंदर विचार रखे। कार्यक्रम
में तेरापंथ महिला मंडल के तत्वावधान में ज्ञानशाला के नन्हे-मुन्ने बच्चों
के लिए वन मिनट प्रतियोगिता हुई, जिसमें रमा जैन प्रथम, भव्य द्वितीय व
काव्या ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। विमल डागलिया ने सभी बच्चों को
पुरस्कार प्रदान किए। संचालन ज्ञानशाला की प्रशिक्षिका सुशीला नाहटा ने
किया।
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