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"मन का रूपांतरण ब्रह्मा ज्ञान के द्वारा ही संभव " - साध्वी पूजा भारती

पीलीबंगा | श्री डिग्गी वाला हनुमान मंदिर प्रांगण में चल रही श्री राम कथा में सोमवार को साध्वी पूजा भारती ने प्रवचन करते हुए कहा कि हर वस्तु का अपना एक स्वभाव होता है। पानी हमेशा उसी दिशा में बहता है, जहां ढलान होती है। यदि आपको पानी की वृति बदलनी है तो उसका रूप बदले। उसे अग्नि के संपर्क में लाकर पानी से वाष्प बना दो। वाष्प बनते ही वह आकाश की ओर उठने लगेगा। ठीक आपके मन का स्वभाव भी पानी की तरह नीचे बहने का ही है। पतन की ढलान पर यह मन बड़ी आसानी से लुढ़क जाता है। बुरे कर्मों व गलत आदतों के प्रति इसे खिंचाव महसूस होता है। यदि स्वभाव बदलना चाहते है तो उसके साथ जोर-आजमाइश करके नहीं हो सकता। मन का दमन करके यानि उसमें उठ रहे विकारों-विचारों को दबाकर आप उसे उत्थान की चढ़ाई नहीं चढा सकते। उसका रूपांतरण ही करना होगा और यह केवल ब्रह्मा ज्ञान के द्वारा ही संभव हैं। इसकी प्राप्ति होते ही मन रूपांतरित होना शुरू हो जाएगा। पाप की खाई में न गिरकर लोक कल्याण की सीढिय़ां चढ़ता जाएगा। साध्वी ने बताया कि दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा गुरु पूर्णिमा का पर्व दो व तीन जुलाई को मलोट में मनाया जा रहा हैं। दो जुलाई की रात्रि आठ से साढ़े दस बजे तक प्रवचन एवं भजन संकीर्तन व 3 को सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक प्रवचन व संकीर्तन का कार्यक्रम होगा। 

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