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भारतीय संस्कृति में है संतों का महत्व: साध्वी श्री सुमन

पीलीबंगा |साध्वी श्री सुमन ने शुक्रवार को यहां जैन भवन में चातुर्मासिक मंगल प्रवेश किया। तेरापंथ सभा, महिला मंडल, युवक परिषद, कन्या मंडल व ज्ञान शाला के बच्चों ने जुलूस के रूप में साध्वी वृंद का स्वागत किया। केशरिया गणवेश में उपस्थित बहनों ने मधुर स्वागत गीत के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया। साध्वी ने कहा कि जीवन की दिशा एवं दशा बदलने का नाम चातुर्मास है। भारतीय संस्कृति में संतों का महत्व हैं, क्योंकि संत आचरण का आशीष, जागरण का ताबीज एवं मोक्ष का बीज देते हैं। संत विकृति के बाजार में संस्कृति का शंखनाद है। साध्वी श्री ने बिहार यात्रा में सेवा करने वाले सभी श्रावक-श्राविकाओं का भी उल्लेख किया। साध्वी सुरेखा ने सोई चेतना जगाने की प्रेरणा देते हुए कहा कि यह चातुर्मास का समय अध्यात्म की फसल उगाने का अवसर हैं। साध्वी मधुर लता ने 'सपने होंगे साकार' गीत की शानदार प्रस्तुति दीं। साध्वी अपूर्व यशा ने अपने सामयिक विचार रखे। पालिका के उपाध्यक्ष कमलापति जैन, राष्ट्रीय महिला मंडल की कार्यकारिणी सदस्या पुष्पा नाहटा, पूर्व मंत्री प्रेम नाहटा, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष डूंगरमल दुग्गड़, महिला मंडल अध्यक्षा विनोद छाजेड़, तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष प्रकाश डाकलिया, दीपिका, प्रीति डाकलिया आदि बहनों ने स्वागत भाषण, गीत एवं कविताएं प्रस्तुत कीं। इस मौके पर साध्वी ने जप-तप एवं प्रवचन की प्रेरणा देते हुए संघीय कार्यक्रमों को उत्साह के साथ अंजाम देने की प्रेरणा प्रदान की। संचालन सभा के मंत्री देवेंद्र बांठिया ने किया। 

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