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हनुमानगढ़-सूरतगढ़ सड़क का 'जीरो' प्वांइट बदल दिया

हनुमानगढ़। सड़क निर्माण में नियमों को कैसे ताक पर रख दिया जाता है,  यह साबित कर दिखाया है राजस्थान राज्य सड़क विकास व निर्माण निगम (आरएसआरडीसी) ने। आरएसआरडीसी ने अपनी सुविधा के अनुसार सड़क का 'जीरो' प्वांइट बदल दिया है। इससे पूर्व में निर्मित सड़कों का रखरखाव प्रभावित हो गया है। सानिवि के नियमानुसार सड़कों के 'जीरो' प्वांइट बदले नहीं जा सकते हैं।

सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी चाही गई तो सानिवि और आरएसआरडीसी ने हनुमानगढ़-सूरतगढ़ स्टेट मार्ग के अलग-अलग 'जीरो' प्वांइट बताए हैं। सानिवि ने हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग का 'जीरो' प्वांइट रोडवेज डिपो के पास बताया है। आरएसआरडीसी एक सूचना में तो 'जीरो' प्वांइट रोडवेज डिपो बता रही है लेकिन एक दूसरी सूचना में हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग के 'जीरो' प्वांइट के नाम पर 'सम्पूर्ण' हनुमानगढ़ जंक्शन को दर्शा रही है।

आरएसआरडीसी ने तो 'जीरो' प्वांइट को लेकर बने नियमों की खुली अवहेलना की और अभियंताओं ने अपनी इच्छानुसार निर्माण करवाए। वर्ष 2005 में बने हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग का निर्माण रोडवेज डिपो से करवाया गया। हाल में बने फोरलेन में हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग का निर्माण का आरंभ स्थल अग्रसेन चौक को बनाया गया।

सड़क टूटी, नहीं हुआ रखरखाव 
आरएसआरडीसी ने हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग को फोरलेन करने के दौरान रोडवेज डिपो स्थित 'जीरो' प्वांइट से निर्माण कार्य शुरू नहीं करके, श्रीगंगानगर मार्ग पर स्थित अग्रसेन चौक से कार्य आरंभ किया। इससे जेल के पास स्थित रेलवे क्रॉसिंग से रोडवेज डिपो तक दो किलोमीटर मार्ग उपेक्षित हो गया है। यह मार्ग दो स्थानों पर पूर्णतया क्षतिग्रस्त है। सड़क में गड्ढे हैं। सानिवि इस दो किलोमीटर मार्ग को हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग का हिस्सा बता रहा है जबकि आरएसआरडीसी ने मार्ग का 'जीरो' प्वांइट बदल कर अग्रसेन चौक कर दिया है। ऎसे में रखरखाव नहीं हो रहा है।

क्या है नियम? 
सानिवि के नियमानुसार पूरे प्रोजेक्ट में बनने वाली सड़क 'जीरो' प्वांइट से ही शुरू होनी चाहिए। उसे विस्तार देने अथवा कम निर्माण के लिए अलग से स्वीकृति ली जानी चाहिए। नियमानुसार, किसी सड़क का '0' प्वांइट नहीं बदला जा सकता है।

नहीं बदल सकते 'जीरो' प्वांइट
पूरे प्रोजेक्ट में किसी भी मार्ग का 'जीरो' प्वांइट बदला नहीं जा सकता है।  
रूपाराम बिश्Aोई
अधीक्षण अभियंता, सानिवि।

जगह नहीं थी
"हनुमानगढ़-सूरतगढ़ मार्ग का 'जीरो' प्वांइट तो रोडवेज डिपो ही है। इस मार्ग को फोरलेन में तब्दील किया गया है। पुराने 'जीरो' प्वांइट तक फोरलेन लायक स्थान नहीं था, इसलिए उसे अग्रसेन चौक से करवा दिया गया।  "
पीएस अग्रवाल
परियोजना प्रबन्धक, आरएसआरडीसी।

मनोज गोयल

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