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सफाई कर्मचारियों की कमी से कस्बे की सफाई व्यवस्था चरमराई

पीलीबंगा. नगरपालिका में सफाई कर्मचारियों का कमी तथा सन् 1989 के बाद से अभी तक नई भर्ती नहीं होने से कस्बे की सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है। जबकि पालिका ने 15 वार्डो की सफाई व्यवस्था ठेके पर दे रखी है। जिसका प्रतिमाह 2 लाख 10 हजार रूपए ठेकेदार को भुगतान किया जाता है।

जानकारी के अनुसार कस्बे की कुल आबादी जब 20 हजार थी। तब पालिका में 86 सफाई कर्मचारी कार्यरत थे। ठीक इसके विपरीत अब आबादी इसकी दुगुनी हो गई है। किंतु सफाई कर्मचारी मात्र 58 रह गए हैं। 25 वार्डो के लिए सफाई कर्मचारी पर्याप्त नहीं होने से जगह-जगह कचरे के ढेर व नालियों में गदंगी भरी पड़ी है। इससे क्षेत्रवासियों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। नागरिकों ने इसके बारे में पालिका को कई बार अवगत कराया किंतु समस्या का समाधान नहीं हो रहा है।

नहीं हुआ भुगतान
पालिका से सेवानिवृत 15 व मृत 7 कर्मचारियों के ग्रेच्युटी व अन्य भुगतान के करीब 20 लाख रूपए अभी तक बकाया चल रहे हैं। इनके परिजनों का कहना है कि भुगतान के लिए बार-बार पालिका के चक्कर काट रहे हैं। किंतु पालिका प्रशासन आर्थिक स्थिति कमजोर होने का कहकर उन्हें टरका रहा है।

इनका कहना है....
"सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने से सफाई व्यवस्था पर प्रभाव पड़ रहा है। पालिका में सफाई कर्मचारियों की कमी है।  "
रामदेव तेजी
प्रदेश अखिल भारतीय सफाई मजदूर यूनियन कांग्रेस शाखा पीलीबंगा
"सफाई कर्मचारियो की भर्ती को लेकर बोर्ड की आगामी बैठक में प्रस्ताव लेकर राज्य सरकार को भिजवाया जाएगा।  "
शकीला गोदारा 
पालिकाध्यक्ष, पीलीबंगा
"सेवानिवृत व मृत कर्मचारियों के बकाया भुगतान को लेकर राज्य सरकार को लिखा हुआ है। स्वीकृति मिलते ही भुगतान कर दिया जाएगा।  "
 संतलाल मक्कड़
 अघिशाषी अघिकारी, नगरपालिका, पीलीबंगा

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