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राशन विक्रेताओं की समस्याओं का हो हल

पीलीबंगा |

राजस्थान राज्य अधिकृत राशन विक्रेता नियोजक संघ शाखा ने मंगलवार को सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करने एवं राशन विक्रेता की आर्थिक स्थिति मजबूत करने को लेकर 11 सूत्री मांग पत्र मुख्यमंत्री के नाम का एसडीएम को सौंपा। पत्र में बताया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत प्रदेश में समस्त योजनाओं के गेहूं का आटा किए जाने पर राशन विक्रेता को गेहूं के खाली बारदाने से 25 रुपए प्रति क्विंटल लाभ होता था, लेकिन अब वह समाप्त हो गया। जबकि महंगाई के समय में राशन विक्रेता का कमीशन आटे में कम से कम 100 रुपए प्रति क्विंटल होना चाहिए। इसके अलावा ज्ञापन में केरोसीन में कम से कम दो रुपए प्रति लीटर कमीशन करने, राशन की दुकान पर पंजीकृत समस्त राशन कार्ड की शत-प्रतिशत सामग्री उपलब्ध करवाने व कम से कम एक हजार राशन कार्ड पंजीकृत होने के उपरांत ही नई दुकान सृजित करने, राशन वितरण निगरानी समिति का गठन करने, नॉन पीडीएस के उत्पाद उच्च श्रेणी का ही राशन डीलर से वितरित करवाने, खाद्य, नागरिक एवं आपूॢत उपभोक्ता मामले के आदेश के मुताबिक 11 अक्टूबर से जारी योजना में राशन विक्रेता द्वारा काम नहीं करने पर उसे सवैतनिक कर्मचारी की श्रेणी में लेने सहित कई बातें शामिल हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आटे के प्रत्येक लाट का नमूना लेकर उसकी जांच होने के बाद ही उपभोक्ताओं में उसका वितरण करने व उसके सैंपल की थैली दुकानदार को उपलब्ध करवाने, जरूरी सामग्री को प्रत्येक राशन विक्रेता के यहां सुनिश्चित करवाने, संबंधित गठित समितियों में राशन विक्रेताओं को भी प्रतिनिधित्व देने, आबंटन, आदेश एवं दिशा-निर्देश संबंधित सूचना संघ को पूर्व की भांति जिला रसद अधिकारी को उपलब्ध करवाने तथा राज्य सरकार के बार-बार आदेश के बाद भी एफओआर डिलीवरी के नियम को बरती गई लापरवाही में कठोरता से लागू करने सहित कई समस्याओं के समाधान की मांग संघ ने की। शिष्टमंडल में मुकेश अरोड़ा, भूप सिंह धारणियां, पवन जिंदल व मिलखराज सहित संघ के कई सदस्य शामिल थे। 

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