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फाटक बंद होने से बच्चे की मौत

पीलीबंगा। चक 34 एसटीजी का रेलवे फाटक बंद होने से मंगलवार को प्रसूता के नवजात शिशु की मौत
हो गई। इससे आक्रोशित ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। रेलवे फाटक संघर्ष समिति प्रवक्ता
मदनगोपाल मेहरड़ा ने बताया कि सोमवार रात्रि करीब डेढ़ बजे सुलोचना चारण [30] के प्रसव पीड़ा
हुई लेकिन रेलवे फाटक बंद होने से कोई वाहन उपलब्ध नहीं हुआ।
पीड़ा से कहराती सुलोचना को टैम्पो में भागसर, डींगवाला आदि होते हुए करीब बीस किलोमीटर लंबे
मार्ग पीलीबंगा ले जाया गया लेकिन राजकीय चिकित्सालय पहुंचने तक शिशु की पेट में ही मौत हो
गई। चिकित्सकों ने सुलोचना का प्रसव करवाया।
घटना की जानकारी मिलने पर मंगलवार को चक 34 एसटीजी में महिला के घर के आगे ग्रामीणों की
भीड़ जमा हो गई व आक्रोशित ग्रामीणों ने नारेबाजी की।
पहले भी हादसा
मेहरड़ा ने बताया कि इससे पूर्व शुक्रवार को अपनी पुत्री से मिलने आए भैराराम नायक की तबीयत
खराब हो गई। फाटक बंद होने से चिकित्सालय ले जाने में देरी के कारण उसने दम तोड़ दिया।
चार बेटियों के बाद
सुलोचना के पति साहबराम ने बताया कि उसकी पत्नी के चार पुत्रियों के बाद पुत्र हुआ लेकिन फाटक
बंद होने से बच्चे की मौत हो गई।
धरना जारी
फाटक खोलने की मांग को लेकर सघर्ष समिति व ग्रामीणों का धरना मंगलवार को 23 वें दिन भी
जारी रहा।

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