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एक दिवसीय किसान मेला का आयोजन

टाउन स्थित कृषि अनुसंधान केन्द्र में सोमवार को कृषि प्रौद्योगिकी प्रबन्ध अभिकरण (आत्मा) के तत्वावधान में एक दिवसीय किसान मेला का आयोजन किया गया। मुख्य अतिथि सांसद भरतराम मेघवाल थे। अध्यक्षता जिला कलक्टर भानूप्रकाश एटूरू ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक चौधरी विनोद कुमार, कृषि उप निदेशक के.के. पोटलिया, वैज्ञानिक पी.एल. मेहरा, विचित्र सिंह, डॉ. ताराचंद मेहरड़ा, संयुक्त कृषि निदेशक डॉ. विजेन्द्र सिंह नैण, डॉ. एस.के. शर्मा ने शिरकत की। किसान मेले में सहायक निदेशक उद्यान, पशु पालन विभाग, ईआई ड्यूपोन्ट इण्डिया प्रा.लि., कृषि विभाग, कृषि विज्ञान केन्द्र ग्रामोत्थान विद्यापीठ संगरिया, एमआर सीड्स प्रा.लि., प्रभात एग्रो बायोटेक लि., शक्तिवर्धक हाईब्रिड सीड्स प्रा.लि., कृषि बीज दर्शन सहित करीब 40 स्टालें लगाई गई थीं। जिसमें किसानों को कृषि से सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी व उपयोगी सामग्री का वितरण का वितरण किया गया। सांसद भरतराम मेघवाल ने आयोजनकर्ताओं का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए मेले में किसानों की कम संख्या पर चिंता व्यक्त की तथा कहा कि हमारा कार्यक्रम तभी सफल होगा जब खेत में बैठा किसान आएगा। उन्होंने इसके लिए कृषि विभाग को पूरे जिले के गांव-गांव, ढाणियों में जाकर केन्द्र व राज्य सरकार की कृषि सम्बन्धित जानकारी किसानों को देने की अपील की। सांसद ने कहा कि बगैर जानकारी के किसान योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाएंगे। कार्यक्रम में वक्ताओं ने जल प्रबंधन से सम्बन्धित जानकारी किसानों को देते हुए बताया कि सिंचाई के लिए जरूरत केे मुताबिक पानी लगाएं, आवश्यकता से ज्यादा पानी खराब न करें। डिग्गी निर्माण की आवश्यकता के बारे में जानकारी देते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकार की मंशा है कि हर किसान के खेत में डिग्गी हो जिससे जरूरत के मुताबिक सिंचाई के लिए जल लगाया जा सके। इसके अलावा वक्ताओं ने कहा कि जिले में सिंचाई पद्धति प्रचलित है जिससे करीब 40प्रतिशत पानी डेम से पहुंच पाता है तथा 60 प्रतिशत पानी व्यर्थ हो जाता है। उन्होंने सिंचाई के नई पद्धतियों बूंद-बूंद व ड्रिप प्रणाली को अपनाने की किसानों से अपील की तथा बताया कि इन दोनों पद्धतियों को अपनाने से काफी मुनाफा कमाया जा सकता है। इसके अलावा सिंचाई के नई पद्धति फव्वारा प्रणाली से सतही सिंचाई पद्धति के बराबर मुनाफा कमाकर 40-45 प्रतिशत पानी खराब होता है के बारे में जानकारी दी। इस एकदिवसीय किसान मेले में प्रश्रोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें किसानों के प्रश्रों के उत्तर अतिथियों द्वारा दिये गये। मेले में सैंकड़ों की संख्या में पुरूष व महिलाओं ने भाग लिया। कार्यक्रम के अंत में अतिथियों को आयोजनकर्ताओं द्वारा स्मृति चिन्ह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।

source: SeemaSandesh

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