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नया प्रावधान: आयकर रिटर्न की जानकारी में अब सालभर में कभी भी कर सकेंगे संशोधन

आयकर विभाग के आईटीआर नियमों में बदलाव के बाद अब करदाता इनकम टैक्स रिटर्न में संशोधन कर सकेंगे। पहले हर वर्ष की अंतिम तिथि तक प्रस्तुत रिटर्न ही संशोधित हो पाती थी, लेकिन करदाताओं को संशोधन के लिए आयकर विभाग को उचित कारण बताना होगा। जानकारों का कहना है कि आईटीआर दाखिल करते समय कई बार चूक हो जाती है। इसमें आईटीआर में पैन, आधार के नंबर में गड़बड़ी, संपत्ति की अधूरी जानकारी दाखिल हो जाती है। संशोधित रिटर्न दाखिल करने के लिए पहले दी गई रिटर्न की पूरी जानकारी और समय सीमा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कर सलाहकार अभिषेक कालड़ा का कहना है कि अब संशोधित रिटर्न दाखिल करने के लिए एक साल का समय मिलेगा। करदाता द्वारा दाखिल रिटर्न के लिए आयकर विभाग से मिले नोटिस के बाद भी रिटर्न में संशोधन किए जा सकते हैं। संशोधित आईटीआर में अगर क्लेम बनेगा तो विभाग उससे इनकार नहीं कर सकता है। आयकर कानून की धारा 139(5) के तहत विभाग के नोटिस देने के बावजूद संशोधित रिटर्न दाखिल की जा सकेगी। कालड़ा ने बताया कि विभाग द्वारा एसेसमेंट किए जाने के बाद आईटीआर में संशोधन नहीं किया जा सकेगा। इसके लिए आयकर अधिनियम की धारा 154 के तहत रैटिफिकेशन का आवेदन करना पड़ेगा। 

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