दसवीं बोर्ड परीक्षा में हनुमानगढ़ का कमजोर प्रदर्शन : मानसी बिश्नोई, 95.83% पीलीबंगा तहसील में टॉपर
मिशन मेरिट जैसे अभियान शुरू न होने के कारण स्टूडेंट्स और स्टाफ में उत्साह की कमी इस साल के बोर्ड परीक्षा परिणाम में नजर आ रही है। 12वीं के बाद हनुमानगढ़ का कमजोर प्रदर्शन दसवीं बोर्ड परीक्षा में भी जारी रहा। इस साल हनुमानगढ़ का दसवीं क्लास का रिजल्ट 81.73 प्रतिशत रहा। पिछले साल के मुकाबले जिले के रिजल्ट में 0.80 प्रतिशत की कमी आई है। इसके चलते प्रदेश में जिले की रैंकिंग पांचवें स्थान से गिरकर नौवें स्थान पर पहुंच गई। इससे पहले 12वीं क्लास का रिजल्ट भी पिछले साल के मुकाबले कम रहा था। 2014-15 में जिले का रिजल्ट 83 प्रतिशत तक पहुंच गया था। इससे पहले 2014-15 में जिले के 83 प्रतिशत बच्चे पास हुए थे। इसके बाद लगातार रिजल्ट गिरा और पिछले साल कुछ बेहतर हुआ था लेकिन अब फिर से जिले का रिजल्ट पहले से कम हो गया है।
जिले का रिजल्ट कम होने की बड़ी वजह, गणित व सामाजिक विज्ञान के कठिन पेपर ने बिगाड़ा सब
1. प्रदेश के कई जिलों में रिजल्ट गिरा है। इसकी बड़ी वजह बच्चों को आठवीं तक फेल न करने की पॉलिसी भी है। इसका परिणाम आने वाले सालों में ज्यादा गंभीर तरीके से नजर आ सकता है।
2. गणित, अंग्रेजी व विज्ञान जैसे विषयों में बच्चों के अंक कम आए हैं। यह तीनों मार्क्स सिक्योरिंग सब्जेक्ट हैं लेकिन बेस मजबूत न हो तो रिजल्ट बिगड़ता है। यह बात इस परिणाम में नजर आई है।
3. सीबीएसई अंक देने में उदार नजर आता है वहीं राजस्थान बोर्ड ने अंक देने में कुछ सख्ती की है। इस बार गणित व सामाजिक विज्ञान का पेपर भी कुछ मुश्किल रहा था।
4. सरकारी स्कूलों का पास प्रतिशत बेहतर बताया जा रहा है लेकिन मिशन मेरिट जैसे बड़े अभियान न होने के कारण पिछले साल जैसा उत्साह का माहौल नहीं बना।
Post a Comment