Header Ads

test

बलिदान दिवस को 'मानव एकता दिवस' के रूप में मनाया

पीलीबंगा : बाबा गुरबचन सिंह जी महाराज एवं चाचा प्रताप सिंह के बलिदान दिवस को 'मानव एकता दिवस' के रूप में मनाया गया। निरंकारी सत्संग भवन में आयोजित कार्यक्रम में निरंकारी मुखी डॉ. इंद्रजीत आहूजा ने बताया कि बाबा जी का जीवन भी ऐसे ही रोशन मीनार की तरह था। जब तक शरीर साथ देता गया, मानवता को रोशनी देता गया और समय आया तो अपना सर्वोच्च बलिदान देकर भी मानवता की रक्षा करता रहा। डॉ.आहूजा ने बताया कि मानव एकता की प्रासंगिकता कल भी थी आज भी है और आगे भी रहेगी। बाबा गुरबचन सिंह जी भी श्वास श्वास मानव एकता के लिए जिए और इसी के लिए अपना बलिदान दे दिया। उन्होंने कहा कि इस मानव एकता को हर हाल में बचाए रखने और मजबूती देने की आवश्यकता है। जाति-धर्म, वर्ण, संप्रदाय, रंग, नस्ल, वेशभूषा आदि के आधार पर जीना बुद्धिमता नहीं है, बल्कि इन विविधताओं को परमात्मा की रचना कौशल के रूप में स्वीकार करते हुए इनका आनंद लेना बुद्धिमता है। कार्यक्रम में साधूराम निरंकारी, सतपाल लोंगवाला व समता आहूजा ने बाबा गुरबचन सिंह एवं चाचा प्रताप सिंह के जीवन एवं उनकी समाज को देन के बारे में बताया गया। बहन किरण जग्गा, माया, वंदना कुमार, महेंद्र कायथ एवं अन्य संतों ने मानव एकता पर विचार प्रकट किए। साधसंगत द्वारा रक्तदान, अंगदान व समाज सेवा का संकल्प लिया गया। संत समागम में गोलूवाला, डबली, सूरतगढ़, हनुमानगढ़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों से मिशन अनुयायियों ने भाग लिया।

No comments