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राज्य सरकार ने माना- ऑनलाइन खरीद से किसानों को होगी परेशानी इसलिए ऑफलाइन भी खरीदेंगे गेहूं

गेहूं खरीद को लेकर ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन के आदेश को सरकार ने वापस ले लिया है। अब राज्य में गेहूं फसल को किसान ऑफलाइन भी बेच सकेंगे। इस संबंध में बुधवार को हुई वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुख्य सचिव ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिए हैं। हालांकि यह छूट केवल गेहूं पर ही रहेगी। सरसों और चना को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार को बेचने के लिए किसानों को ऑनलाइन पंजीयन करवाना ही होगा। वीसी में मुख्य सचिव ने कहा कि गेहूं खरीद के लिए सरकार की ओर से ऑनलाइन पंजीयन कराने की प्रक्रिया में जटिलताओं को लेकर राज्यभर से किसानों और विधायकों ने आपत्तियां जताते हुए सुझाव दिए थे। इन पर विचार किया गया तब सामने आया कि राज्य में बड़ा किसान समूह जमीन को ठेके पर लेकर खेती करता है। उनके लिए जमाबंदी और गिरदावरी की व्यवस्था करना बड़ी समस्या रहेगी। दूसरा ऑनलाइन पंजीयन में एक किसान को एक बार में 50 क्विंटल गेहूं ही एमएसपी पर विक्रय का टोकन जारी होगा जबकि एक ही किसान के खेत में गेहूं का उत्पादन इससे अधिक हुआ तो फसल बेचने में ही महीनों लग जाएंगे। इस कारण किसान अब ऑफलाइन पंजीयन करवाकर भी गेहूं बेच सकेंगे।

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