किसान ने किया प्रशासन का कामकाज ठप, विभिन्न संगठनों के सहयोग से बंद करवाया बाजार
ये है पूरा मामला: किसानों को हुआ था विशेष आवंटन, सीमा ज्ञान के अभाव में नहीं मिला लाभ
एसडीएम डॉ. अवि गर्ग ने बताया कि पिछली राज्य सरकारों द्वारा वर्ष 2003 व 2008 में बड़ोपल बारानी क्षेत्र में काश्तकारों को विशेष आवंटन किया गया था, चूंकि बड़ोपल बारानी क्षेत्र में घग्घर बहाव क्षेत्र, वनविभाग, चारागाह व अन्य सार्वजनिक उपयोगार्थ भूमि का विशाल रकबा होने के कारण विशेष आवंटन के लाभांवित काश्तकार सीमा ज्ञान के अभाव में समय के साथ इधर-उधर हो गए। मामला उजागर होने पर हुई जांच में इस मामले में काफी गड़बडिय़ां सामने आईं तो वर्ष 2016 में तत्कालीन तहसीलदार द्वारा तत्कालीन गिरदावर व पटवारी सहित 77 जनों के विरुद्ध पीलीबंगा थाने में मुकद्दमा दर्ज करवाया गया था। इसके अलावा नोहर के तत्कालीन एडीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी द्वारा की गई। जांच में भी करीब 75 खाते विवादित होना बताया गया था।
अब तहसील कार्यालय में खातेदारी के लिए कुल 88 आवेदन आए थे, जिनमें से वर्तमान तहसीलदार रामपाल मीणा के नेतृत्व में गठित कमेटी द्वारा 55 आवेदनों पर मौके व नक्शे का मिलान नहीं होने का नोट लगाया गया है जबकि शेष 33 आवेदनों की जांच जारी है। इसके अलावा काफी विशाल रकबा होने के कारण इसकी तरमीम करवाया जाना भी संभव नहीं है। एसडीएम के अनुसार वर्ष 2015 में सेटलमेंट विभाग की तरफ से आई टीम द्वारा भी इस रकबे की तरमीम कर पाने में असमर्थता जताई गई थी।
एसडीएम बोले- पात्र काश्तकार खातेदारी के लिए आवेदन कर सकते हंै
एसडीएम ने बताया कि तहसीलदार की अध्यक्षता में गठित की गई कमेटी की रिपोर्ट पर कोई भी काश्तकार अपनी आपत्ति अथवा कोई और पात्र काश्तकार खातेदारी के लिए आवेदन कमेटी के समक्ष तहसील कार्यालय में कर सकता है। संबंधित काश्तकार की जमीन की पैमाइश भी कमेटी द्वारा उसके समक्ष ही करवाई जाएगी।
Post a Comment